देश की खबरें | पंजाब में पराली जलाने के 1150 मामले दर्ज

चंडीगढ़, 17 नवंबर पंजाब में बृहस्पतिवार को पराली जलाने के 1150 मामले दर्ज किए गए, जिससे इस तरह के मामलों की कुल संख्या 33,802 हो गई।
पड़ोसी राज्य हरियाणा और पंजाब के कई हिस्सों में वायु गुणवत्ता ‘बेहद खराब’ और ‘खराब’ दर्ज की गई।
पंजाब में कई किसानों ने राज्य सरकार की अपील और उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की चेतावनी को नजरअंदाज करते हुए पराली जलाना जारी रखा हुआ है।
शुक्रवार को पराली जलाने के 1150 मामलों में सबसे ज्यादा घटनाएं मोगा में दर्ज की गईं। मोगा में पराली जलाने के 225, बरनाला में 117, फिरोजपुर में 114, संगरूर में 110, भठिंडा में 109 और फरीदकोट में 101 मामले दर्ज किए गए।
वहीं आज (शुक्रवार को) के ही दिन 2021 और 2022 में राज्य में पराली जलाने के क्रमश 523 और 966 मामले दर्ज किए गए थे।
पंजाब में 15 सितंबर से 17 नवंबर तक पराली जलाने के कुल 33,082 मामलों में सबसे ज्यादा घटनाएं संगरूर में दर्ज की गई हैं। संगरूर में पराली जलाने के 5462, फिरोजपुर में 2998, भठिंडा में 2696, मनसा में 2194, मोगा में 2170 और बरनाला में 2112 मामले दर्ज किए गए हैं।
राज्य में 2021 और 2022 में समान अवधि के दौरान पराली जलाने के क्रमश 69,300 और 47,788 मामले सामने आए थे।
अक्टूबर और नवंबर में दिल्ली में वायु प्रदूषण के स्तर में खतरनाक वृद्धि के पीछे पंजाब और हरियाणा में धान की पराली जलाना एक अहम कारण माना जाता है।
इस बीच, हरियाणा के फतेहाबाद में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 409 दर्ज किया गया जबकि फरीदाबाद में 371, भिवानी में 362, हिसार में 357, सोनीपत में 351, गुरुग्राम में 341, रोहतक में 311 और नारनौल में 301 एक्यूआई दर्ज किया गया। पंजाब के मंडी गोबिंदगढ़ में एक्यूआई 239, जालंधर में 222, लुधियाना में 208, रूपनगर में 197, अमृतसर में 188, पटियाला में 172 और खन्ना में 141 दर्ज किया गया। पंजाब और हरियाणा की संयुक्त राजधानी और केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ में एक्यूआई 132 रहा।

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