देश की खबरें | पंजाब में पराली जलाने के 637 मामले

चंडीगढ़, 18 नवंबर पंजाब में शनिवार को पराली जलाने के 600 से अधिक मामले सामने आए और कई जिलों में किसानों ने फसल अवशेष जलाना जारी रखा है, जिससे खेतों में पराली जलाने की घटनाएं रोकने के उच्चतम न्यायालय के आदेशों की अवहेलना हो रही है।
हरियाणा और पंजाब के कई हिस्सों में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) ‘बहुत खराब’ और ‘खराब’ श्रेणी में रहा।
कई जिलों में जिला पुलिस प्रमुखों और उपायुक्तों ने पराली जलाने की घटनाओं पर नजर रखने के लिए खेतों का दौरा किया। इसके बावजूद पंजाब में कई किसानों ने पराली जलाना जारी रखा।
दिल्ली एवं राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में प्रदूषण के स्तर में बढ़ोतरी के बीच उच्चतम न्यायालय ने सात नवंबर को पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान को फसल अवशेष जलाने पर ‘तत्काल रोक’ सुनिश्चित करने का निर्देश दिया था।
पंजाब में शनिवार को खेतों में पराली जलाने के 637 मामले सामने आए, जिनमें से मोगा में सबसे ज्यादा 120 मामले सामने आए। इसके बाद फाजिल्का में 111, फिरोजपुर में 69, बठिंडा में 57, मुक्तसर में 51, बरनाला में 48 और फरीदकोट में 43 मामले सामने आए।
वर्ष 2021 और 2022 में इसी दिन राज्य में पराली जलाए जाने के क्रमशः 680 और 701 मामले सामने आए थे।
पंजाब रिमोट सेंसिंग सेंटर के आंकड़ों के अनुसार, राज्य में पराली जाए जाने के कुल मामलों की संख्या बढ़कर 33,719 हो गई है।
हरियाणा के सोनीपत में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 390 दर्ज किया गया। इसके बाद फतेहाबाद में 340, फरीदाबाद में 314, गुरुग्राम और हिसार में 301-301, भिवानी में 296, रोहतक में 273 और कैथल में 262 एक्यूआई दर्ज किया गया।
पंजाब के बठिंडा में एक्यूआई 329 दर्ज किया गया। पंजाब में इसके बाद जालंधर में 264, पटियाला में 232, लुधियाना में 219, खन्ना में 208, अमृतसर में 195 और रूपनगर में 168 एक्यूआई दर्ज किया गया।
पंजाब और हरियाणा की संयुक्त राजधानी एवं केंद्रशासित प्रदेश चंडीगढ़ में एक्यूआई 141 रहा।

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