देश की खबरें | छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में 76.31 प्रतिशत मतदान, 2018 के पिछले चुनाव से कुछ कम

रायपुर, 18 नवंबर छत्तीसगढ़ में दो चरणों में हुए विधानसभा चुनाव में कुल 76.31 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया। चुनाव अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि यह प्रतिशत 2018 के विधानसभा चुनाव के मतदान प्रतिशत से कुछ कम है। 2018 के विधानसभा चुनाव में 76.88 मतदाताओं मतदाताओं ने मतदान किया था।
राज्य की 90 सदस्यीय विधानसभा के लिए सात और 17 नवंबर को दो चरणों में मतदान हुआ था।

अधिकारियों ने बताया, “छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव 2023 में दोनों चरणों में औसतन 76.31 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया।”
उन्होंने बताया कि नक्सल प्रभावित बस्तर संभाग के सात जिलों और चार अन्य जिलों के 20 विधानसभा क्षेत्रों में पहले चरण के चुनाव में सात नवंबर को 78 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया था, जबकि शुक्रवार को 70 सीट पर दूसरे चरण के चुनाव में 75.88 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया।
अधिकारियों ने बताया कि 90 सीट में से सबसे ज्यादा मतदान कुरुद सीट पर 90.17 फीसदी और सबसे कम बीजापुर में 48.37 फीसदी दर्ज किया गया।
उन्होंने बताया कि कुल 90 में से 38 विधानसभा सीट पर 80 फीसदी से अधिक मतदान हुआ है। इसके अलावा, 90 में से 50 विधानसभा क्षेत्रों में महिला मतदाताओं का मतदान प्रतिशत पुरुषों की तुलना में अधिक था।
सभी 70 निर्वाचन क्षेत्रों में जहां शुक्रवार को मतदान हुआ था, मतदान दल सुरक्षित लौट आए हैं और चुनाव संबंधी सामग्री संग्रह केंद्रों पर जमा कर दी गई है।
अधिकारियों ने बताया कि राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों और उम्मीदवारों के एजेंटों की मौजूदगी में ईवीएम मशीनों को सील कर दिया गया है।
राज्य की राजधानी रायपुर के चार विधानसभा क्षेत्रों-रायपुर शहर दक्षिण, रायपुर शहर उत्तर, रायपुर शहर पश्चिम और रायपुर ग्रामीण में क्रमश: 60.20 फीसदी, 55.59 फीसदी, 55.94 फीसदी और 58.55 फीसदी मतदान दर्ज किया गया।
2018 के चुनाव में रायपुर शहर दक्षिण, रायपुर शहर उत्तर, रायपुर शहर पश्चिम और रायपुर ग्रामीण में क्रमशः 61.66 फीसदी, 60.28 फीसदी, 60.45 फीसदी और 61.11 फीसदी मतदान दर्ज किया गया था।

राज्य में दो चरणों में होने वाले चुनाव के लिए कुल 1181 उम्मीदवार मैदान में हैं।

पहले चरण में पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह समेत 223 उम्मीदवार तथा दूसरे चरण में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और उपमुख्यमंत्री टीएस सिंह देव समेत 958 उम्मीदवार थे जिनकी किस्मत का फैसला तीन दिसंबर को होगा।

बघेल अपनी पारंपरिक पाटन सीट से चुनाव लड़ रहे हैं जहां भाजपा ने उनके दूर के भतीजे और पार्टी सांसद विजय बघेल को मैदान में उतारा है। जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) के प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी के बेटे अमित जोगी के पाटन से मैदान में उतरने से मुकाबले में एक और आयाम जुड़ गया है।
अंबिकापुर में टी एस सिंह देव के खिलाफ भाजपा ने नए चेहरे राजेश अग्रवाल को मैदान में उतारा है। अग्रवाल 2018 में विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए थे।

कांग्रेस के अन्य प्रमुख उम्मीदवारों में ताम्रध्वज साहू (दुर्ग ग्रामीण), रवींद्र चौबे (साजा) और कवासी लखमा (कोंटा), विधानसभा अध्यक्ष चरण दास महंत (सक्ती) तथा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष और सांसद दीपक बैज (चित्रकोट) समेत नौ राज्य मंत्री शामिल हैं।
भाजपा की ओर से पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह, पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष और सांसद अरुण साव (लोरमी), विधानसभा में विपक्ष के नेता नारायण चंदेल (जांजगीर-चांपा), केंद्रीय जनजातीय मामलों की राज्य मंत्री रेणुका सिंह (भरतपुर-सोनहत-एसटी), सांसद गोमती साय (पत्थलगांव-एसटी), पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल (रायपुर दक्षिण), अजय चंद्राकर (कुरुद) और पुन्नूलाल मोहिले (मुंगेली) प्रमुख उम्मीदवारों में हैं।

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