विदेश की खबरें | पाकिस्तान के कार्यवाहक प्रधानमंत्री को बलूच छात्रों की गुमशुदगी के मामले में अदालत में पेश होने का निर्देश

इस्लामाबाद, 22 नवंबर पाकिस्तान के इस्लामाबाद उच्च न्यायालय ने बलूचिस्तान प्रांत से 55 छात्रों के लापता होने से संबंधित मामले में कार्यवाहक प्रधानमंत्री अनवार-उल-हक काकड़ को 29 नवंबर को व्यक्तिगत रूप से पेश होने का बुधवार को निर्देश दिया और सरकार से पूछा कि क्या इस मामले को संयुक्त राष्ट्र के पास भेज दें।
‘डॉन न्यूज’ की खबर के अनुसार, इस्लामाबाद उच्च न्यायालय ने काकड़ को निर्देश दिया कि यदि वह बलूच जबरन गुमशुदगी आयोग की सिफारिशों के अनुसार लापता बलूच छात्रों की बरामदगी सुनिश्चित नहीं करते हैं तो वह उसके समक्ष पेश हों।
न्यायमूर्ति मोहसिन अख्तर कयानी ने आयोग की सिफारिशों के कार्यान्वयन के संबंध में एक मामले की सुनवाई करते हुए यह आदेश पारित किया।
‘द एक्सप्रेस ट्रिब्यून’ समाचार पत्र की खबर के अनुसार, 10 अक्टूबर को हुई पिछली सुनवाई में, उच्च न्यायालय ने सरकार को लापता बलूच छात्रों का पता लगाने में अपनी जिम्मेदारी पूरी करने का निर्देश दिया था।
आज की सुनवाई में अतिरिक्त अटॉर्नी जनरल ने न्यायमूर्ति कयानी से मंत्रियों या प्रधानमंत्री को नहीं बुलाने का अनुरोध किया। हालांकि न्यायाधीश ने इस अपील को अस्वीकार करते हुए कहा: “इसमें (प्रधानमंत्री और अन्य मंत्रियों को तलब करने में) कुछ भी गलत नहीं है। हर कोई इस [मामले] को मजाक बनाने की कोशिश कर रहा है।”
उन्होंने कहा, “इस देश के लोगों के प्रति इससे अधिक अन्याय क्या हो सकता है उन्हें गायब किया जा रहा है?”
न्यायाधीश ने लापता लोगों की बढ़ती संख्या पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा, “क्या हमें इस मामले को संयुक्त राष्ट्र में भेजकर अपने देश का अपमान कराना चाहिए?”
काकड़ ने पिछले महीने स्वीकार किया था कि संयुक्त राष्ट्र उप-समिति के अनुमान के अनुसार, बलूचिस्तान में लगभग 50 लोगों को जबरन गायब कर दिया गया था।

प्रातिक्रिया दे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *