मुंबई, 22 नवंबर आर्सेनल के पूर्व कोच आर्सेने वेंजर ने बुधवार को कहा कि भुवनेश्वर में एआईएफएफ-फीफा अकादमी भारतीय फुटबॉल को आगामी वर्षों में अपने लक्ष्य हासिल करने में मदद करेगी।
ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक और महान कोच वेंजर ने मंगलवार को यहां पहली एआईएफएफ (अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ)-फीफा टैलेंट अकादमी लांच की। इसके पहले बैच में देश भर से 50 खिलाड़ी शामिल होंगे।
फीफा के वैश्विक फुटबॉल विकास प्रमुख वेंजर ने भारत में इस खेल के प्रसार के लिए फुटबॉल शिक्षा की महत्ता पर बात करते हुए कहा कि सिर्फ इसका अंतर ही देश को फुटबॉल के ‘पावरहाउस’ देश से अलग करता है।
उन्होंने कहा, ‘‘मैं आपसे एक सवाल पूछता हूं। उदाहरण के तौर पर आपके पास तीन खिलाड़ी हैं जिसमें एक मुंबई में, एक साओ पाउलो में और एक पेरिस में जन्मा है। इन तीनों खिलाड़ियों में एक दिन, एक साल के बाद कितना अंतर होगा। और फिर 15 साल के बाद इन खिलाड़ियों में फुटबॉल के लिहाज से क्या अंतर होगा तो व्यक्तिगत तौर मैं कहूंगा कि हां होगा। ’’
उन्होंने कहा, ‘‘और 20 साल के बाद इन तीनों में क्या अंतर होगा तो मैं फिर कहूंगा कि हां होगा। ’’
वेंजर ने कहा कि उच्च स्तरीय फुटबॉल की ट्रेनिंग देने से ही भारत दुनिया के अन्य देशों के बीच अंतर को पाटने में सक्षम हो पायेगा।
एआईएफएफ अध्यक्ष कल्याण चौबे ने कहा कि भारतीय फुटबॉल में सभी संबंधित पक्ष इस संबंध में एकजुट हैं जिसमें राष्ट्रीय संस्था, राज्य संघ, इंडियन सुपर लीग, आई लीग और इंडियन वुमैन्स लीग के क्लब शामिल हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘सभी पिछले 50 वर्षों से फुटबॉल के विकास के लिए काम कर रहे हैं। लेकिन हम इस समय इन सभी से कहने की कोशिश कर रहे हैं कि एक ही दिशा में आगे बढ़ो। ’’
चौबे ने साथ ही कहा कि फीफा के भारत के आने से रातोंरात चमत्कार नहीं होगा। उन्होंने कहा, ‘‘फीफा आकर चमत्कार नहीं कर सकता। यह अच्छा समय है और हम हितधारकों का समर्थन लेकर आगे बढ़ सकते हैं। ’’