देश की खबरें | एम्स दिल्ली ने कम दूरी के लिए मरीजों से अधिक किराया वसूलने वाले वाहनों के खिलाफ कदम उठाया

नयी दिल्ली, 11 नवंबर राष्ट्रीय राजधानी स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के प्रशासन ने ऑटो-रिक्शा और टैक्सी चालकों द्वारा मरीजों और उनके परिचारकों का शोषण करने की रिपोर्ट पर अस्पताल परिसर में वाणिज्यिक यात्री वाहनों के प्रवेश को विनियमित करने के लिए एक व्यापक योजना की घोषणा की है।
एम्स मीडिया प्रकोष्ठ की प्रभारी प्रोफेसर डॉ. रीमा दादा ने कहा कि इस पहल का उद्देश्य चिकित्सा सुविधा के लिए आने वाले मरीजों को पारदर्शी परिवहन सेवाएं सुनिश्चित करना है।
डॉ. दादा ने कहा कि मरीजों के साथ नियमित बातचीत के दौरान, यह पता चला कि कुछ ऑटो-रिक्शा और टैक्सी चालक एम्स परिसर के भीतर छोटी-छोटी यात्राओं के लिए भी मरीजों से अधिक शुल्क ले रहे हैं।
इस मुद्दे से निपटने और वाणिज्यिक यात्री वाहनों (सीपीवी) के प्रवेश को सुव्यवस्थित करने के लिए, कई उपाय किये जाएंगे। इसके तहत एम्स के सभी प्रवेश द्वारों के अंदर और बाहर प्रमुख द्विभाषी साइनबोर्ड लगाए जाएंगे, जो इलेक्ट्रिक शटल की उपलब्धता, मार्गों और फेरों के बारे में जानकारी प्रदान करेंगे।
इससे मरीजों को परिवहन विकल्पों के बारे में जानकारी रहेगी और उन्हें उचित निर्णय लेने में मदद मिलेगी।
सीपीवी के प्रवेश को विनियमित करने के लिए, एक अत्याधुनिक नंबर प्लेट रीडर कैमरा-आधारित टिकटिंग प्रणाली शुरू की जाएगी।
नई टिकटिंग प्रणाली 31 दिसंबर तक चालू होने वाली है।
डॉ. दादा ने कहा, ‘‘एम्स रोगी को ध्यान में रखकर विभिन्न उपाय करने को लेकर प्रतिबद्ध है, और ये उपाय उस प्रतिबद्धता के अनुरूप हैं, जिसका लक्ष्य संस्थान में चिकित्सा देखभाल चाहने वालों के लिए समग्र अनुभव को बढ़ाना है।’’

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