रांची, नौ नवंबर झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बृहस्पतिवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा द्वारा निर्दोष आदिवासियों को अदालती मामलों में फंसाने के किसी भी प्रयास को विफल कर दिया जाएगा।
हेमंत सोरेन अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम को कथित रूप से कमजोर करने के विरोध में 2018 में बुलाए गए राष्ट्रव्यापी बंद में भाग लेने के लिए झारखंड में कई आदिवासी युवाओं के खिलाफ दर्ज मामलों का जिक्र कर रहे थे।
वर्ष 2018 में झारखंड में भाजपा सत्ता में थी और मौजूदा झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) नीत सरकार ने तीन नवंबर को मंत्रिमंडल की बैठक में आरोपियों के खिलाफ मामले वापस लेने का फैसला किया है।
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘झारखंड सरकार ने 2018 में युवाओं के खिलाफ दर्ज मामले वापस ले लिए हैं। पूर्ववर्ती सरकार ने उनके खिलाफ साजिश रची और एससी/एसटी (अत्याचार निवारण) अधिनियम में संशोधन के खिलाफ भारत बंद में भाग लेने के लिए मामले दर्ज किए थे। ’’
झारखंड मुक्ति मोर्चा के कार्यकारी अध्यक्ष ने दावा किया कि युवाओं को अदालती मामलों में फंसाकर उनके भविष्य को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की गई है, लेकिन वह ऐसे किसी भी कदम को सफल नहीं होने देंगे।
हेमंत सोरेन ने अपने आवास के बाहर एकत्र युवाओं को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘ हम आदिवासियों और अन्य समुदायों के सर्वांगीण विकास के रास्ते की सभी बाधाओं को दूर करेंगे। ’’