देश की खबरें | बामनोली भूमि मामला: ‘द वायर’ को दिल्ली के मुख्य सचिव पर प्रकाशित आलेख को हटाने का निर्देश

नयी दिल्ली, 22 नवंबर दिल्ली उच्च न्यायालय ने बुधवार को समाचार पोर्टल ‘द वायर’ को निर्देश दिया कि मुख्य सचिव नरेश कुमार पर बामनोली भूमि अधिग्रहण मामले में लांछन लगाने वाले कथित अपमानजनक लेख और सोशल मीडिया पोस्ट को हटाया जाए।
अदालत ने एक अंतरिम आदेश में मुख्य सचिव के पक्ष में व्यवस्था दी और समाचार पोर्टल तथा इसके संवाददाता को आलेख की तरह वादी के खिलाफ किसी अपमानजनक सामग्री को पोस्ट नहीं करने या प्रकाशित नहीं करने का निर्देश दिया।
अदालत ने कहा कि यदि पोर्टल और संवाददाता ने इस आदेश के 48 घंटे के अंदर निर्देशों का पालन नहीं किया तो माइक्रोब्लॉगिंग साइट ‘एक्स’ पोस्ट हटा देगी और गूगल लेख के वेब लिंक को हटा देगा।
न्यायमूर्ति सचिन दत्ता ने कहा कि अभिव्यक्ति और बोलने की आजादी पवित्र है, लेकिन कई दशकों में अर्जित किसी व्यक्ति की साख को इस तरह की स्वतंत्रता के नाम पर बलि नहीं चढ़ाया जा सकता।
उन्होंने कहा कि अदालत ने इस मामले में राजनीति से प्रेरित ट्वीट/पोस्ट/टिप्पणियों पर संज्ञान लिया है जो नौ नवंबर को प्रकाशित उक्त लेख के प्रकाशन के संगत थीं।
अदालत ने कहा कि मुख्य सचिव के वकील की इन दलीलों में दम है कि यदि अंतरिम आदेश जारी नहीं किया जाता तो वादी को अपूरणीय क्षति होगी।
समाचार आलेख के संबंध में नौ नवंबर को मानहानि का मुकदमा दायर किया गया था। आलेख में मुख्य सचिव के बेटे के तार कथित रूप से लाभार्थी परिवार से जुड़े होने की बात कही गई।
भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने द्वारका एक्सप्रेसवे के निर्माण के लिए 2018 में 19 एकड़ जमीन का अधिग्रहण किया था।
कुमार ने अपनी याचिका में लेख को हटाये जाने और समाचार पोर्टल तथा संवाददाता को उनके खिलाफ अन्य कोई मानिहानिकारक लेख प्रकाशित करने से रोकने का अनुरोध किया।
उनके वकील ने कहा था कि कुमार के खिलाफ लोगों को ‘सक्रिय’ करने के लिए और ‘कुछ लोगों को खुश करने के लिए’ यह लेख सुनियोजित तरीके से लिखा गया था।
समाचार पोर्टल के वकील ने लेख में अपमानजनक लांछन होने की बात खारिज करते हुए 14 नवंबर को दिल्ली की सतर्कता और राजस्व मंत्री आतिशी द्वारा दिल्ली के मुख्यमंत्री को जमा की गई प्रारंभिक रिपोर्ट पर भरोसा करने का अनुरोध किया।
मुख्य सचिव ने पोर्टल और संवाददाता को 13 नवंबर को कानूनी नोटिस भी भेजा था और दावा किया कि लेख की विषयवस्तु पूर्व दृष्टया भ्रामक और असल में मानहानि करने वाली है।
खबरों के अनुसार, मई में जमीन का मूल्य 41.52 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 353.79 करोड़ रुपये कर दिया गया और केंद्रीय गृह मंत्रालय ने मुआवजा बढ़ाने की मंजूरी देने के लिए दक्षिण पश्चिम दिल्ली के जिलाधिकारी हेमंत कुमार के खिलाफ कार्रवाई की थी।

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