विदेश की खबरें | मांसाहारी जानवर क्षतिग्रस्त उष्णकटिबंधीय वन में बंदरों को अधिक शिकार बनाते हैं

बोर्नमाउथ (इंग्लैंड), 19 नवंबर (द कन्वरसेशन) मांसाहारी जानवर (बाघ, शेर, तेंदुए, जगुआर, प्यूमा) आमतौर पर बंदरों को अपना शिकार नहीं बनाते हैं, क्योंकि वे ऊंचे-ऊंचे पेड़ों पर रहते हैं और कभी कभार ही नीचे आते हैं, जिस वजह से उन्हें पकड़ना मुश्किल होता है। जगुआर और प्यूमा अलग-अलग जानवरों को अपना आहार बनाते हैं और सामान्यत: हिरण, जंगली सुअर और आर्माडिलो जैसी प्रजातियों का शिकार करते हैं।
मगर दक्षिणी मेक्सिको के जंगलों में अधिकतर जगुआर और प्यूमा रहते हैं और इन वनों में लोगों की आवाजाही ज्यादा है जहां लकड़ी और अन्य संसाधनों की नियमित रूप से कटाई की जाती है और खेतों या बस्तियों के विस्तार के लिए बड़ी जगह खाली की जाती है।
एक नए शोध के मुताबिक, इस क्षेत्र में रहने वाले जगुआर और प्यूमा अपने शिकार में बंदरों को शामिल करते हुए प्रतीत होते हैं।
अन्य शोधों में पता चला है कि जब सामान्य शिकार की कमी होती है तो मांसाहारी पशु अन्य जानवरों का शिकार करते हैं। मेरे और मेरे सहयोगियों ने शोध के दौरान जो दर्ज किया है उससे संकेत मिलता है कि सामान्य शिकार की कमी होने के चलते या पर्यावरण की वजह से वानर प्रजाति का शिकार आसान होने के कारण जगुआर और प्यूमा ने अपना आहार बदला है।
मांसाहारी के आहार में इस बदलाव से दक्षिणी मेक्सिको जैसे उष्णकटिबंधीय जंगलों में वानर प्रजाति की संख्या के गायब होने की संभावना अधिक हो सकती है। इससे भोजन की कमी के कारण मांसाहारी जानवरों के विलुप्त होने की भी की आशंका बढ़ जाएगी, जिससे पूरे पारिस्थितिकी तंत्र की स्थिरता खतरे में पड़ जाएगी।
जब लकड़ी की चाह में और शिकारियों द्वारा जंगलों को काटा जाता है या उनमें बदलाव किया जाता है, तो वानर प्रजाति खासतौर पर प्रभावित होती हैं, क्योंकि इनकी कई प्रजातियां भोजन और आश्रय के लिए ऊंचे पेड़ों पर निर्भर होती हैं।
दक्षिण-पूर्वी मेक्सिको में उक्स्पनापा घाटी देश के ऊंचे सदाबहार जंगल के अंतिम अवशेषों में से एक है और इसे मेक्सिको और दुनिया दोनों में सबसे अधिक जैव विविधता वाले क्षेत्रों में से एक के रूप में वर्गीकृत किया गया है। इसमें जगुआर, प्यूमा और कई अन्य प्रजातियां रहती हैं जिनमें वानर की दो लुप्तप्राय प्रजातियां- हाउलर और स्पाइडर बंदर भी शामिल हैं।
बड़े मांसाहारी पशु कुछ प्रजातियों की आबादी को नियंत्रित करके जैव विविधता और पारिस्थितिकी तंत्र के कामकाज को बनाए रखते हैं। उदाहरण के लिए, शाकाहारी प्रजातियां पेड़ों को नुकसान पहुंचा सकती हैं या जंगलों को फिर से बढ़ने से रोक सकती हैं, ये उन्हें नियंत्रित रखते हैं।
जब हमने एकत्र किए गए डेटा और जानकारी को संयोजित किया, तो हमें समझ में आने लगा कि ऐसा कुछ हो रहा है जो सामान्य से थोड़ा हटकर है।
जगुआर और प्यूमा आमतौर पर उन जानवरों को अधिक शिकार बनाते हैं जो अधिक संख्या में होते हैं। अगर उनका पसंदीदा शिकार दुर्लभ है, तो वे उन प्रजातियों का शिकार करेंगे जिनसे उनका सबसे अधिक सामना होता है।

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