देश की खबरें | पंजाब से संबंधित फैसले पर गौर करें केरल के राज्यपाल के मुख्य सचिव: न्यायालय

नयी दिल्ली, 24 नवंबर उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान के अतिरिक्त मुख्य सचिव से पंजाब के मामले में उसके हालिया निर्णय पर गौर करने के लिए कहा, जिसमें कहा गया था कि राज्यपाल “कानून बनाने की सामान्य प्रक्रिया में बाधा उत्पन्न नहीं कर सकते।”
केरल सरकार ने राज्यपाल पर विधानसभा द्वारा पारित विधेयकों को मंजूरी न देने का आरोप लगाते हुए उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर की थी।
पंजाब के राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित के खिलाफ राज्य सरकार की याचिका पर फैसला सुनाते हुए शीर्ष अदालत ने बृहस्पतिवार को कहा था कि राज्यपाल बिना किसी कार्रवाई के विधेयकों को अनिश्चित काल तक लंबित रखने के लिए स्वतंत्र नहीं हैं।
फैसले में कहा गया है कि अगर राज्यपाल किसी विधेयक पर सहमति रोकने का फैसला करते हैं, तो उन्हें विधेयक को पुनर्विचार के लिए विधायिका को वापस करना होगा।
इसमें यह भी कहा गया है कि गैर-निर्वाचित “राज्य के प्रमुख” को संवैधानिक शक्तियां सौंपी गई हैं, लेकिन इसका उपयोग राज्य विधानसभाओं द्वारा कानून बनाने की सामान्य प्रक्रिया को विफल करने के लिए नहीं किया जा सकता।
प्रधान न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जे. बी. पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ शुक्रवार को केरल सरकार की याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें राज्यपाल पर विधानसभा द्वारा पारित कई विधेयकों पर मंजूरी नहीं देने का आरोप लगाया गया है।
शीर्ष अदालत ने पहले इस याचिका पर केंद्र सरकार और केरल के राज्यपाल के अतिरिक्त मुख्य सचिव को नोटिस जारी किया था।
अदालत ने राज्य सरकार की याचिका पर सुनवाई 28 नवंबर तक के लिए स्थगित कर दी है।
प्रधान न्यायाधीश ने कहा, “हमने कल रात पंजाब मामले में आदेश अपलोड किया है। राज्यपाल के अतिरिक्त मुख्य सचिव को इसपर गौर करने के लिए कहें।”

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