जैजैपुर/बिलासपुर, नौ नवंबर बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की अध्यक्ष मायावती ने बृहस्पतिवार को छत्तीसगढ़ में अपने चुनाव अभियान की शुरुआत की और कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि पार्टी जाति जनगणना की बात करती है लेकिन उसने केंद्र में सत्ता में रहने के दौरान काका कालेलकर आयोग और मंडल आयोग की रिपोर्ट को लागू नहीं किया।
जैजैपुर और बिलासपुर निर्वाचन क्षेत्रों में दो चुनावी रैलियों को संबोधित करते हुए मायावती ने भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार की भी आलोचना की और दावा किया कि लोकसभा और राज्य विधानसभा में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण प्रदान करने के कदम में अन्य पिछड़ा वर्ग, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति की महिलाओं की उपेक्षा की गई।
उन्होंने कहा, ‘‘..अब वे (कांग्रेस) जाति जनगणना के बारे में बात करते हैं। अब इनसे पूछा जाए, जब आप सुविधा देना नहीं चाहते, कानूनी अधिकार देना नहीं चाहते, आरक्षण देना नहीं चाहते तो फिर आप किस आधार पर कहते हैं कि जाति जनगणना होनी चाहिए…मैं अति पिछड़े वर्ग को बताना चाहती हूं कि आजादी के बाद कई वर्षों तक कांग्रेस केंद्र की सत्ता में रही लेकिन न तो कालेलकर आयोग और न ही मंडल आयोग की सिफारिशें लागू कीं।’’
मायावती ने कहा, ‘‘बसपा के कड़े संघर्ष और प्रयासों के कारण वीपी सिंह सरकार के सत्ता में आने के बाद मंडल आयोग की सिफारिशें लागू की गईं। वीपी सिंह ने हमें (बसपा) अपनी सरकार में दो प्रमुख मंत्रालय की पेशकश की थी, लेकिन हमने तब इनकार कर दिया और हमारी दो मांगों को पूरा करने की मांग की – मंडल आयोग की रिपोर्ट को लागू करना और बाबा साहेब आंबेडकर के लिए भारत रत्न। दोनों मांगें वीपी सिंह सरकार ने पूरी की।”
उन्होंने कहा, ”यह कांग्रेस नहीं थी जिसने बाबा साहेब आंबेडकर को भारत रत्न से सम्मानित किया।”
मायावती ने कहा, ‘‘केंद्र ने महिला आरक्षण विधेयक में लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण दिया है लेकिन एसटी, एससी और ओबीसी वर्ग की महिलाओं को इसमें कोटा नहीं दिया गया है।’’
उन्होंने आरोप लगाया कि इन वर्गों की महिलाओं की उपेक्षा की गई है।
उन्होंने आरोप लगाया कि (केंद्र में) कांग्रेस और भाजपा दोनों के शासन में किसानों का शोषण किया गया है।
बिलासपुर में एक रैली को संबोधित करते हुए उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री ने भाजपा और कांग्रेस पर दलितों, आदिवासियों और अल्पसंख्यकों के हितों की अनदेखी करने का आरोप लगाया।
उन्होंने कहा कि आजादी के बाद से दलित और आदिवासी कांग्रेस को सत्ता में लाए, लेकिन पार्टी ने गरीबों, मजदूरों, किसानों और छोटे व्यापारियों के साथ अन्याय किया।
मायावती ने आरोप लगाया कि किसान भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र की खराब नीतियों का खामियाजा भुगत रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि गलत नीतियों के कारण देश में गरीबी, बेरोजगारी और महंगाई बढ़ रही है जबकि केवल कुछ पूंजीपति ही बढ़ रहे हैं।