नयी दिल्ली, 22 नवंबर दिल्ली उच्च न्यायालय ने बुधवार को यहां के आबकारी अधिकारियों से सफदरजंग एन्क्लेव के एक आवासीय क्षेत्र में अनधिकृत पब और बार चलाए जाने के आरोपों की जांच करने को कहा।
कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनमोहन की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि निरीक्षण के दौरान इन परिसरों में ‘‘कुछ भी आपत्तिजनक नहीं’’ पाए जाने संबंधी आबकारी विभाग की स्थिति रिपोर्ट से ‘‘विश्वास पैदा नहीं होता है।’’ उन्होंने हुमायूंपुर गांव में भूमिगत तल में संचालित दुकानों में अग्नि सुरक्षा मानदंडों के कथित गैर-अनुपालन पर चिंता व्यक्त की।
दिल्ली सरकार के वकील ने कहा कि क्षेत्र में 24 रेस्तरां को कोई आबकारी लाइसेंस नहीं दिया गया था और एक को छोड़कर जिसके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है, निरीक्षण के दौरान परिसर में शराब नहीं मिली और कुछ रेस्तरां बंद पाए गए।
अदालत ने सवाल किया कि आबकारी विभाग के अनुसार केवल एक रेस्तरां में शराब कैसे पाई गई जबकि याचिकाकर्ता के अनुसार, हाल में उनके द्वारा सोशल मीडिया पर पार्टियों का विज्ञापन किया गया था।
पीठ ने कहा, ‘‘यदि कुछ गलत हो रहा है तो उसे सुधारें। तथ्यों पर इतना बड़ा अंतर नहीं हो सकता।’’
न्यायमूर्ति मनमोहन और न्यायमूर्ति मिनी पुष्करणा की पीठ ने आबकारी विभाग को क्षेत्र में एक और निरीक्षण करने के लिए कहा और मामले को 14 दिसंबर को आगे की सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया।
याचिकाकर्ता प्रशांत कुमार उमराव ने इस साल की शुरुआत में हुमायूंपुर गांव में अधिकृत रेस्तरां और पब के खिलाफ कार्रवाई का अनुरोध करते हुए उच्च न्यायालय का रुख किया था।