देश की खबरें | दिल्ली प्रदूषण : वृद्धाश्रमों में वायु शोधक यंत्र, ऑक्सीजन सिलेंडर की व्यवस्था

नयी दिल्ली, सात नवंबर दिल्ली के वृद्धाश्रम राष्ट्रीय राजधानी में बदतर होती वायु गुणवत्ता के बीच, वहां रह रहे लोगों की देखभाल करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं और वे वायु शोधक यंत्र लगाने से लेकर ऑक्सीजन सिलेंडर तक तैयार रखे हुए हैं।
शहर में बुजुर्गों के लिए अन्य आश्रय स्थलों ने भी अपने यहां रह रहे लोगों को और विशेष रूप से जिन्हें श्वसन की समस्याएं हैं, उन्हें बाहर जाने से बचने तथा अंदर रहकर शारीरिक गतिविधियां व योग करने की सलाह दी है।
उत्तरी दिल्ली के रोहिणी में स्थित शिव आश्रय ओल्ड एज होम की सचिव राजेश्वरी मिश्रा ने कहा, ‘‘बढ़ते वायु प्रदूषण के कारण हमने सक्रियता से आसपास आपात उपयोग के लिए ऑक्सीजन सिलेंडर रखे हैं।’’
आशीर्वाद ओल्ड एज होम के न्यासी भूपिंदर सिंह ने मिश्रा के विचारों का समर्थन करते हुए कहा कि उनके वृद्धाश्रम में रहने वाले लोगों को तड़के या देर शाम बाहर जाने से बचने को कहा गया है।
नई दिल्ली नगर पालिका परिषद (एनडीएमसी) ने अपने सभी वृद्धाश्रमों के कमरों के अंदर ‘एयर प्यूरीफायर’ (वायु शोधक यंत्र) लगाए हैं और रहने वालों को योग कक्षाओं में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित कर रही है।
एनडीएमसी के उपाध्यक्ष सतीश उपाध्याय ने कहा, ‘‘हम अपने वृद्धाश्रमों में रहने वाले लोगों के लिए बागवानी कार्य करने, पानी का छिड़काव करने और योग कक्षाएं आयोजित करने जैसे उपाय साल भर करते हैं। अब, हमने बढ़ते प्रदूषण के स्तर को देखते हुए इन उपायों को और मजबूत किया है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘एनडीएमसी वृद्धाश्रम के सभी कमरों में एयर प्यूरीफायर हैं, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वहां रह रहे लोग स्वच्छ हवा में सांस लें।’’
वृद्धाश्रम संचालकों के अनुसार, वे अपने यहां रहने वालों की रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करने के लिए उन्हें स्वस्थ आहार उपलब्ध कराने पर भी ध्यान दे रहे हैं।
नया सवेरा के न्यासी वेद प्रकाश भारद्वाज ने कहा, “सांस लेने की समस्याओं के कारण वरिष्ठ नागरिक और शारीरिक रूप से कमजोर व्यक्ति हर समय मास्क नहीं पहन सकते हैं। इसलिए, हमारा मुख्य ध्यान उन्हें घर के अंदर रखना और उन्हें स्वस्थ आहार देना है।’’
इस बीच, दिल्ली शहरी आश्रय सुधार बोर्ड (डीयूएसआईबी) ने कहा कि उन्हें अपने आश्रय घरों में वायु प्रदूषण के कारण वरिष्ठ नागरिकों के बीच स्वास्थ्य समस्याओं के बारे में अब तक कोई शिकायत नहीं मिली है।
मंगलवार को वायु गुणवत्ता सूचकांक में मामूली गिरावट के बावजूद, दिल्ली की हवा में पीएम 2.5 (हवा में मौजूद 2.5 माइक्रो मीटर से कम व्यास के कणों) की सांद्रता, जो श्वसन प्रणाली में गहराई तक प्रवेश करने और स्वास्थ्य समस्याओं को बढ़ा सकते हैं, सरकार द्वारा निर्धारित सीमा 60 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर से अधिक हो गई है।
चिकित्सकों ने कहा है कि प्रदूषण के उच्च स्तर के लंबे समय तक संपर्क में रहने से दमा और अन्य श्वसन समस्याओं का खतरा हो सकता है, या बढ़ सकता है और हृदय रोग की संभावना बढ़ सकती है।

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