विदेश की खबरें | पश्चिम अफ्रीकी देशों में डिप्थीरिया का प्रकोप, टीकाकरण पर जोर

डिप्थीरिया एक संक्रामक रोग है जो कॉरिनेबैक्टीरियम डिप्थीरिया नामक बैक्टीरिया से होता है और मुख्य रूप से गले, नाक और त्वचा को प्रभावित करता है।
नाइजीरिया में दिसंबर 2022 में इस बीमारी का प्रसार हुआ और 11,640 मरीजों में से कम से कम 573 लोगों की मौत हो चुकी है। हालांकि अधिकारियों का अनुमान है कि मृतक संख्या इससे काफी अधिक हो सकती है क्योंकि कई मामलों का पता नहीं लग पाया है।
नाइजर में अक्टूबर तक 865 मरीजों में से 37 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि गिनी में जून में इसका प्रकोप शुरू होने के बाद से 497 में से 58 लोगों की मौत हुई है।
‘नाइजीरिया सेंटर फॉर डिज़ीज़ कंट्रोल’ के प्रमुख इफेदायो अडेटिफा ने कहा, ‘‘यह इतिहास का सबसे बड़ा प्रकोप है।’’
संक्रमण के ये मामले नाइजीरिया के 36 में से 20 राज्यों में हैं।
फ्रांसीसी चिकित्सा संगठन ‘डॉक्टर्स विदाउट बॉर्डर्स’ ने मंगलवार को एक बयान में कहा कि इस क्षेत्र में संक्रमण के इतने मामले होने का मुख्य कारण टीकाकरण नहीं होना है।
एक सरकारी सर्वेक्षण के अनुसार नाइजीरिया में 15 वर्ष से कम उम्र के केवल 42 प्रतिशत बच्चे डिप्थीरिया से सुरक्षित हैं, जबकि गिनी में टीकाकरण की दर 47 प्रतिशत है और ये देानों ही विश्व स्वास्थ्य संगठन की ओर से जरूरी बतायी गयी 80-85 प्रतिशत दर से काफी कम है।

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