कन्नूर (केरल), 21 नवंबर केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने मंगलवार को दावा किया कि डीवाईएफआई कार्यकर्ताओं ने असल में युवा कांग्रेस कार्यकर्ताओं की जान बचाई है, जिन्होंने कथित तौर पर उनके काफिले के आगे कूदने की कोशिश की और काले झंडे लहराये।
उन्होंने दावा किया कि युवा कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर हमला नहीं किया गया, जैसा कि आरोप लगाया गया है।
विजयन ने कहा कि वह बस की अगली सीट पर बैठे थे, जिसमें सवार होकर वह और उनके कैबिनेट सहकर्मी राज्य सरकार के संपर्क कार्यक्रम ‘नव केरल सदा’ के तहत यात्रा कर रहे थे, और युवा कांग्रेस कार्यकर्ताओं को उन्होंने वाहन के आगे कूदने की कोशिश करते देखा।
मुख्यमंत्री ने संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘यह मेरी आंखों के सामने हुआ। डेमोक्रेटिक यूथ फेडरेशन ऑफ इंडिया (डीवाईएफआई) के कार्यकर्ता उन्हें वाहन के आगे कूदने से रोकने की कोशिश कर रहे थे।
डीवाईएफआई केरल में सत्तारूढ़ मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) की युवा शाखा है।
विजयन ने कहा, ‘‘वे युवा कांग्रेस के कार्यकर्ताओं की जान बचा रहे थे, जिसके लिए कुछ बल प्रयोग करने की जरूरत थी। यह हमला नहीं था। यह डीवाईएफआई कार्यकर्ताओं की ओर से सराहनीय कार्य था और मेरा उनसे इसे जारी रखने का अनुरोध है।’’
उन्होंने संवाददाताओं के सवालों के जवाब में यह कहा। उनसे कांग्रेस के इस आरोप के बारे में पूछा गया था कि इसकी युवा शाखा के सदस्यों को हेलमेट और डंडों से डीवाईएफआई के कार्यकर्ताओं ने पीटा तथा उनपर पथराव किया।
विजयन ने आरोप लगाया कि युवा कांग्रेस कार्यकर्ताओं के कृत्यों से कांग्रेस की हताशा का संकेत मिलता है क्योंकि संपर्क कार्यक्रम में लोगों की भारी भीड़ जुटने से यह सफल हो रही।
मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि इस तरह के कृत्यों का मकसद लोगों को कार्यक्रम में भाग लेने से रोकने के लिए टकराव का माहौल बनाना है।
उन्होंने कहा कि वह सुझाव देना चाहते हैं कि इस तरह के प्रदर्शन रोके जाएं।
राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता वीडी सतीशन ने सोमवार को कहा था कि यदि युवा कांग्रेस कार्यकर्ताओं को शारीरिक क्षति पहुंचाई गई तो तिरूवनंतपुरम जाने के दौरान पूरे रास्ते में उन्हें (मुख्यमंत्री को) काले झंडे दिखाये जाएंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कार्यक्रम बुधवार को भी कन्नूर में जारी रहेगा। उन्होंने यह भी कहा कि बुधवार को यहां थालसेरी में कैबिनेट की बैठक होगी।