देश की खबरें | आबकारी नीति घोटाला: शीर्ष अदालत ने व्यापारी अभिषेक बोइनपल्ली की याचिका पर ईडी को नोटिस दिया

नयी दिल्ली, 10 नवंबर उच्चतम न्यायालय ने दिल्ली के कथित आबकारी नीति घोटाले के संबंध में एक धनशोधन मामले में गिरफ्तार किये गये व्यापारी अभिषेक बोइनपल्ली की एक याचिका पर शुक्रवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) से जवाब मांगा। बोइनपल्ली ने ईडी द्वारा की गयी गिरफ्तारी की वैधता को चुनौती दी है।
न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति एस वी एन भट्टी की पीठ ने ईडी को नोटिस जारी करते हुए उसे 20 नवंबर तक जवाब देने का निर्देश दिया।
शीर्ष अदालत दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ बोइनपल्ली की याचिका पर सुनवाई कर रही है। उच्च न्यायालय ने गिरफ्तारी की वैधता को बोइनपल्ली द्वारा दी गयी चुनौती को खारिज कर दिया था।
बोइनपल्ली ने धनशोधन रोकथाम अधिनियम की धारा 19 के गैर अनुपालन के आधार पर उच्च न्यायालय में अपनी गिरफ्तारी को चुनौती दी थी। यह धारा गिरफ्तारी की प्रक्रिया से संबंधित है।
बोइनपल्ली की ओर से वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने उच्चतम न्यायालय के हाल के एक फैसले का हवाला दिया और कहा कि ईडी को आरोपी को गिरफ्तारी की वजह लिखित रूप से बताना चाहिए।
शीर्ष अदालत ने कहा कि सुनवाई की अगली तारीख पर वह इस मामले पर बोइनपल्ली की जमानत अर्जी के साथ विचार करेगी, जिसमें 11 अगस्त को नोटिस जारी किया गया था।
दिल्ली सरकार ने 17 नवंबर, 2021 को 2021-22 के लिए आबकारी नीति लागू की थी, लेकिन भ्रष्टाचार के आरोपों के बीच उसने सितंबर 2022 के आखिर तक उसे निरस्त कर दिया था।
केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय के अनुसार, आबकारी नीति में बदलाव करते हुए अनियमितताएं की गयीं तथा लाइसेंस धारकों को अनुचित फायदा पहुंचाया गया।
धनशोधन का मामला सीबीआई की प्राथमिकी पर आधारित है। दिल्ली के उपराज्यपाल ने आबकारी नीति के क्रियान्वयन में कथित अनियमितता की जांच की सिफारिश की थी, जिसके बाद सीबीआई ने प्राथमिकी दर्ज की थी।
दावा किया गया है कि बोइनपल्ली गुप्त बैठकों का हिस्सा थे और वह अन्य आरोपी एवं शराब का धंधा करने वाले व्यापारी समीर महेंद्रू के साथ धनशोधन की साजिश में शामिल थे।

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