देश की खबरें | निष्कासित भाकपा नेता ने अपने नेतृत्व वाले सहकारी बैंक से अनधिकृत ऋण को मंजूरी दी: ईडी

नयी दिल्ली, 24 नवंबर प्रवर्तन निदेशालय ने कहा है कि भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के केरल से ताल्लुक रखने वाले निष्कासित नेता एन भासुरंगन ने अपने नेतृत्व वाले एक स्थानीय सहकारी बैंक से “अनधिकृत” ऋण को स्वीकृति देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
भासुरंगन और उनके बेटे अखिलजीत जेबी को केंद्रीय एजेंसी ने 21 नवंबर को कोच्चि से गिरफ्तार किया था।
एर्नाकुलम स्थित विशेष धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) अदालत ने उन्हें 24 नवंबर तक प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की हिरासत में भेज दिया था।
धनशोधन का मामला कंडाला सेवा सहकारी बैंक से संबंधित है और भासुरंगन अध्यक्ष के रूप में इसके समग्र प्रभारी थे।
पीएमएलए मामला बैंक के अध्यक्ष और सचिव के खिलाफ तिरुवनंतपुरम के मारानल्लूर थाने में दर्ज की गई एक प्राथमिकी से संबंधित है।
एजेंसी ने एक बयान में कहा, “उन्होंने (भासुरंगन) विभिन्न अनधिकृत ऋणों को मंजूरी देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।”
संघीय एजेंसी ने इस महीने की शुरुआत में इस मामले में छापेमारी की थी जिसके बाद स्थानीय भाकपा नेता भासुरंगन को वाम दल की प्राथमिक सदस्यता से निष्कासित कर दिया गया था।
एजेंसी ने दावा किया कि जांच में बैंक के प्रबंधन में कई “अनियमितताएं” पाई गईं जिसके शासी निकाय का नेतृत्व इसके अध्यक्ष एन भासुरंगन कर रहे थे।
ईडी ने कहा कि प्रारंभिक जांच में पाया गया कि लगभग 57 करोड़ रुपये की अनियमितताएं हुईं और इसके कारण बैंक को “बड़े पैमाने पर संपत्ति की हानि” हुई।

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