विदेश की खबरें | इजराइल-हमास संघर्ष में घायल फलस्तीनी बच्चों को लेकर पहला विमान यूएई पहुंचा

बच्चों और उनके परिवार के सदस्यों सहित 15 लोगों के समूह ने शुक्रवार को मिस्र के साथ लगी गाजा पट्टी की राफा सीमा पार की। इसके बाद उन्होंने यूएई की राजधानी अबूधाबी के लिये उड़ान भरी।
जब विमान अंततः जब अबूधाबी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उतरा तो छोटे बच्चे अपनी मां की गोद में सोते नजर आए। गंभीर रूप से घायल बच्चों के लिए जगह बनाने के उद्देश्य से विमान की कुछ सीटें हटा दी गईं। इन बच्चों को स्ट्रेचर पर लेटने की जरूरत थी।
कुछ बच्चों के हाथ-पैर पर पट्टी बंधी हुई थी। अन्य अपने माता-पिता या रिश्तेदारों के पास चुपचाप बैठे रहे। कुछ ने अकेले यात्रा की। विमान के अंदर का माहौल उदास और शांत था। कई बच्चों की माओं ने कहा कि वे थक गई हैं।
बारह वर्षीय अम्र जंदीह की आंखों से आंसू बह रहे थे और उसने बताया कि वह अकेले ही अमीरात आया है।
जंदीह ने कहा, “मेरे पिता, चाचा और मैं सड़क पर बात कर रहे थे।” उसने कहा, ”मेरे चाचा की मौत हो गई। मेरे पिताजी घायल हो गए…अचानक एक मिसाइल गिरी और मैं बेहोश हो गया। जब उठा तो खुद को अस्पताल में पाया।”
विमान में गंभीर रूप से घायल बच्चों में से एक 14 वर्षीय मोहम्मद अबू ताबिख भी है। वह जिस कार से यात्रा कर रहा था वह हमले की चपेट में आ गई। हमले में उसकी गर्दन और रीढ़ की हड्डी में चोटें आईं।
विमान से सावधानीपूर्वक बाहर लाए जाने से पहले उसने धीमी आवाज में कहा, “जब मैं घायल हो गया, तो मुझे सदमा लगा। और फिर मेरा हिलना-डुलना बंद हो गया”।
दक्षिणी इज़राइल में हमास के सात अक्टूबर के हमले से शुरू हुए संघर्ष को सात हफ्ते हो रहे हैं। इस हमले में लगभग 1,200 लोग मारे गए थे।
फलस्तीनी स्वास्थ्य अधिकारियों के अनुसार, गाजा पर इजरायल के चल रहे जवाबी सैन्य हमलों में अब तक 11,400 से अधिक फलस्तीनी मारे गए हैं, जिनमें से दो-तिहाई महिलाएं और बच्चे हैं। इन हमलों में करीब 2700 अन्य लोग गायब बताए जा रहे हैं।

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