विदेश की खबरें | फ्रांस : पुलिस की गोलीबारी में मारे गये किशोर की मां ने आरोपी की रिहाई के विरोध में प्रदर्शन किया

इससे पहले, अदालत ने संदिग्ध पुलिस अधिकारी को आगे की जांच होने तक हिरासत से रिहा कर दिया है।
नाहेल मेरजौक जून की मौत के बाद से देशभर में विरोध-प्रदर्शन हो रहे हैं। इस दौरान लोग पुलिस हिंसा, गरीबी और आप्रवासी पृष्ठभूमि वाले लोगों के खिलाफ भेदभाव को लेकर अपना गुस्सा प्रकट कर रहे हैं। मेरजौक मूल रूप से उत्तरी अफ्रीकी का निवासी था।
नान्तेरे के पेरिस उपनगर में नेल्सन मंडेला स्क्वायर पर रविवार को सैकड़ों लोगों ने विरोध-प्रदर्शन किया। इसी जगह पर मेरजौक को गोली मारी की गई थी। विरोध-प्रदर्शन के दौरान काफी संख्या में पुलिस की गाड़ियां मौजूद थीं। विरोध-प्रदर्शन शांतिपूर्ण रहा, लेकिन पुलिस पर चीजें फेंके जाने के दौरान कुछ समय के लिए तनाव जैसी स्थिति रही, जिसे बाद में काबू कर लिया गया।
दिवंगत किशोर की मां मौनिया अपने बेटे की याद करते हुये भावुक हो गईं। उन्होंने ‘‘जस्टिस फॉर नाहेल’’ के नारे के साथ समूह का नेतृत्व किया।
इस विरोध-प्रदर्शन में पुलिस हिंसा का शिकार हुये अन्य लोग भी शामिल हुये।
मेरजौक की मौत वाले दिन का एक वीडियो भी सामने आया है, जिसमें दो मोटरसाइकिल सवार अधिकारी उसकी कार की खिड़की के पास खड़े दिखाई दे रहे हैं, जिनमें से एक ने किशोर पर बंदूक तानी हुई है। जैसे ही मेरजौक ने कार आगे बढ़ाई, अधिकारी ने गोली चला दी।
अधिकारी की पहचान फ्लोरियन एम. के रूप में की गई। घटना के दो दिन बाद उसे गिरफ्तार कर जेल में डाल दिया गया और हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया।
बुधवार को, नान्तेरे अभियोजक के कार्यालय ने कहा कि मजिस्ट्रेट ने निष्कर्ष निकाला कि जिन आरोपों के तहत पुलिस अधिकारी को लगातार हिरासत में रखा गया है वह ‘‘कानूनी मानदंडों को पूरा नहीं करते’।
फ्रांसीसी व्यवस्था के मुताबिक, अगर मजिस्ट्रेट को लगता है कि आरोपी को तय मानदंडों के अनुरूप हिरासत में नहीं लिया गया है तो वह जांच पूरी होने तक उसे रिहा करने का आदेश जारी कर सकता है।
मामले की सुनवाई को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं है।

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