देश की खबरें | भारत की मेजबानी में कल जी20 डिजिटल सम्मेलन, नयी दिल्ली घोषणापत्र को लागू करने पर चर्चा

नयी दिल्ली, 21 नवंबर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बुधवार को जी20 नेताओं के डिजिटल शिखर सम्मेलन की अध्यक्षता करेंगे, जिसमें सितंबर में अपनाए गए नयी दिल्ली घोषणा के कार्यान्वयन और तब से उभरी कई नई चुनौतियों पर चर्चा की जाएगी।
भारत के जी20 शेरपा अमिताभ कांत ने शिखर सम्मेलन के संबंध में संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि सम्मेलन में समूह के कई नेता भाग लेंगे। खबरें हैं कि चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग बुधवार शाम डिजिटल शिखर सम्मेलन में भाग नहीं लेंगे।
कांत ने डिजिटल शिखर सम्मेलन को “दुर्लभ और असाधारण” बताया और कहा कि यह भारत की जी20 अध्यक्षता में मोदी को विश्व नेताओं के साथ बातचीत का एक और मौका प्रदान करेगा। इसके बाद दिसंबर में जी20 की अध्यक्षता ब्राजील के पास चली जाएगी।
शी और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन नौ और 10 सितंबर को नयी दिल्ली में आयोजित जी20 शिखर सम्मेलन में शामिल नहीं हुए थे।
कांत ने कहा, “कल आयोजित होने वाला जी20 का डिजिटल शिखर सम्मेलन संयुक्त राष्ट्र महासभा के 78वें सत्र और एसडीजी शिखर सम्मेलन के समापन के बाद से विश्व नेताओं की एक प्रमुख बैठक होगी।”
उन्होंने कहा कि सितंबर में जी20 शिखर सम्मेलन में नयी दिल्ली घोषणापत्र को सर्वसम्मति से अपनाने के बाद से, दुनिया ने लगातार अलग-अलग घटनाएं देखी हैं और कई नई चुनौतियां सामने आई हैं।
उन्होंने कहा कि बैठक का मुख्य एजेंडा विकास होगा, जबकि नेता कई अन्य मुद्दों पर भी चर्चा कर सकते हैं।
विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने सवालों के जवाब में कहा, “हमें उम्मीद है कि जी20 देशों के ज्यादातर नेता सम्मेलन में मौजूद रहेंगे।”
उन्होंने कहा कि यह पहले से तय करना सही नहीं होगा कि बैठक में भू-राजनीतिक तनाव के मुद्दों पर बात होगी या नहीं।
जी20 नेताओं का डिजिटल सम्मेलन गाजा में मानवीय संकट को लेकर ब्रिक्स समूह के नेताओं द्वारा एक असाधारण बैठक आयोजित करने के एक दिन बाद हो रही है।
कांत ने कहा, “डिजिटल शिखर सम्मेलन न केवल नयी दिल्ली घोषणापत्र के कार्यान्वयन पर चर्चा करने का अवसर प्रदान करेगा, बल्कि नेताओं को उन महत्वपूर्ण चुनौतियों पर विचार साझा करने और सहयोग बढ़ाने का भी अवसर प्रदान करेगा जिनका हम सामना कर रहे हैं। साथ ही वैश्विक शासन में कमियों को दूर करने, सतत विकास लक्ष्य के प्रति हमारी मौजूदा प्रतिबद्धता की पुष्टि करने और एक बहुपक्षीय प्रणाली को फिर खड़ा करने के उपायों पर भी चर्चा की जाएगी।”

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