देश की खबरें | उच्च न्यायालय ने पुलिस को कॉलेज महोत्सवों के दौरान सुरक्षा के लिए एसओपी बनाने का निर्देश दिया

नयी दिल्ली, 10 नवंबर दिल्ली उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को पुलिस को गुरु गोबिंद सिंह इंद्रप्रस्थ विश्वविद्यालय, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) और दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) के प्रतिनिधियों के साथ बैठक करने तथा कॉलेज महोत्सवों के दौरान सुरक्षा व्यवस्था करने के लिए एक मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) तैयार करने का निर्देश दिया।
अदालत ने डीयू की कई छात्राओं के आरोपों के बाद स्वत: दर्ज किए गए मामले में यह आदेश पारित किया। छात्राओं का आरोप है कि इस साल की शुरुआत में संस्थान के चल रहे महोत्सव के दौरान एक फैशन शो के लिए आईआईटी-दिल्ली के वॉशरूम में कपड़े बदलते समय उनका गुप्त रूप से वीडियो बनाया गया था।
कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनमोहन की अध्यक्षता वाली पीठ ने डीयू को कॉलेज महोत्सवों के संबंध में एक परामर्श रिकॉर्ड पर रखने का निर्देश देते हुए कहा, ‘‘इस बीच, डीसीपी (विधि) को एक बैठक बुलाने का निर्देश दिया जाता है जिसमें आईआईटी, दिल्ली विश्वविद्यालय और आईपी विश्वविद्यालय के प्रतिनिधि शामिल होंगे।’’
पीठ ने आदेश दिया, ‘‘इस बैठक में, विश्वविद्यालयों द्वारा आयोजित कॉलेज महोत्सवों के दौरान सुरक्षा उपायों के संबंध में मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) लागू की जाएगी।
दिल्ली पुलिस की वकील ने अदालत को बताया कि आईआईटी की कथित घटना के आरोपी को पकड़ लिया गया है और रिकॉर्डिंग के लिए इस्तेमाल किया गया फोन भी बरामद कर लिया गया है।
उन्होंने अदालत को आश्वासन दिया कि कुछ भी (जो रिकॉर्ड किया गया था) सोशल मीडिया पर नहीं है और पुलिस ने लड़कियों को सुरक्षा दी है।
दिल्ली पुलिस के वकील ने कहा कि आरोपी ने महिला शौचालय में ताकझांक के लिए एक शाफ्ट में एक छेद बनाया था। उन्होंने सुझाव दिया कि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए संबंधित महाविद्यालयों के शिक्षकों द्वारा एक बुनियादी ढांचागत ऑडिट किया जा सकता है।
आईपी यूनिवर्सिटी के वकील ने कहा कि उनके वार्षिक उत्सवों के लिए एक प्रोटोकॉल पहले से ही मौजूद है। आईआईटी के वकील ने कहा कि संस्थान ने सुधारात्मक कदम उठाए हैं।
दिल्ली विश्वविद्यालय की लगभग 10 छात्राओं ने पिछले महीने आरोप लगाया था कि छह अक्टूबर को संस्थान के एक उत्सव के दौरान एक फैशन शो के लिए आईआईटी-दिल्ली के वॉशरूम में कपड़े बदलते समय उनकी गुप्त रूप से फिल्म बनाई गई थी।
उच्च न्यायालय ने विशेष रूप से महिला छात्रों के संबंध में कॉलेज महोत्सवों में सुरक्षा उल्लंघनों का संज्ञान लिया और संबंधित अधिकारियों से कार्रवाई की मांग की। अदालत ने कहा कि उसे ऐसे उत्सवों के दौरान छात्र उत्पीड़न के कई मामलों से जूझना पड़ा है।
मामले की अगली सुनवाई 22 जनवरी को होगी।

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