विदेश की खबरें | वन्यजीवों को नुकसान पहुंचाने वाली मानवीय गतिविधियों का पता लगाया गया

शेर्लोट्सविल (अमेरिका), 23 नवंबर (द कन्वरसेशन) अमेरिका में सैकड़ों वन्यजीव पुनर्वास केंद्रों में लोग वन्यजीवों और पक्षियों के बारे में करीब से जान सकते हैं। इन स्थलों को गैर-लाभकारी संस्थाएं या विश्वविद्यालय संचालित करते हैं तथा इनमें आमतौर पर उन जानवरों को प्रदर्शन के लिए रखा जाता है जिन्हें जंगल में वापस नहीं छोड़ा जा सकता, जैसे कि क्षतिग्रस्त पंख वाला उल्लू या एक लोमड़ी जो उस समय मिली थी, जब वह बच्ची थी और अब वह मनुष्यों द्वारा पालन-पोषण की आदी हो गई है।
लोग हर साल सैकड़ों-हजारों बीमार और घायल जंगली जानवरों को वन्यजीव पुनर्वास केंद्रों में लाते हैं। हम पारिस्थितिकी और जीव विज्ञान का अध्ययन करते हैं और हमने वन्यजीवों के लिए सर्वाधिक हानिकारक मानवीय गतिविधियों की पहचान करने के लक्ष्य से वन्यजीव पुनर्वास केंद्रों के नए डिजीटल रिकॉर्ड का हाल में उपयोग किया।
अपने तरह के पहले अध्ययन में हमने 94 केंद्रों के 6,74,320 रिकॉर्ड की समीक्षा की, जिनमें से अधिकतर 2011 से 2019 के बीच एकत्र किए गए। इसका मकसद अमेरिका और कनाडा में 1,000 से अधिक प्रजातियों को प्रभावित करने वाले खतरों की समग्र तस्वीर तैयार करना था।
‘बायोलॉजिकल कंजर्वेशन’ पत्रिका में प्रकाशित हमारे निष्कर्ष वन्यजीवों को होने वाले नुकसान, विशेषकर कारों की टक्कर से लगने वाली चोटों को कम करने के लिए कुछ रणनीतियों का सुझाव देते हैं।
मृतक संख्या पर नजर रखना
अधिकतर अमेरिकी विलुप्तप्राय और संकटग्रस्त प्रजातियों की रक्षा करने का समर्थन करते हैं और मानते हैं कि मानवीय गतिविधियां वन्यजीवों को नुकसान पहुंचा सकती हैं, लेकिन यह निर्धारित करना आश्चर्यजनक रूप से कठिन है कि कौन सी गतिविधियां वन्यजीवों के लिए सबसे अधिक हानिकारक हैं और प्रभावी समाधानों की पहचान करना भी मुश्किल है।
जब किसी जानवर को इन केंद्रों में लाया जाता है तो उसकी हालत का आकलन किया जाता है। यदि उसे कोई चोट लगी है या वह बीमार है तो उसका पता लगाया जाता है और उसका दस्तावेजीकरण किया जाता है। फिर उसके उपचार की योजना तैयार की जाती है।
पुनर्वास केंद्रों ने हाल में सैकड़ों-हजारों मामलों के रिकॉर्ड को डिजिटल माध्यम से उपलब्ध कराया है। ये डिजिटल रिकॉर्ड वन्यजीव संरक्षण एवं उनके स्वास्थ्य में मदद कर सकते है।
प्रजातियों के लिए अलग-अलग खतरे
पुनर्वास केंद्रों में लाए गए वन्यजीवों में से 12 प्रतिशत वाहन की टक्कर लगने के कारण घायल हुए हैं, जो कि उनके घायल होने का सबसे बड़ा कारण है।
अन्य खतरे विभिन्न वन्यजीवों के आवास और जीवन प्रणालियों को दर्शाते हैं। बड़े भूरे चमगादड़ों के घायल होने का मुख्य कारण खिड़कियों से टकराना है। विलुप्तप्राय केम्प रिडले समुद्री कछुओं को मछली पकड़ने की घटनाओं के कारण पुनर्वास केंद्र लाया गया।
इसके अलावा, पुनर्वास केंद्र लाए गए 3.4 प्रतिशत जानवर जहरीले पदार्थों और संक्रामक रोगों से पीड़ित थे।
दक्षिणी फ्लोरिडा में तूफान और बाढ़ के कारण पुनर्वास केंद्रों में लाए गए जानवरों की संख्या में वृद्धि हुई, जो वन्यजीवों के स्वास्थ्य पर जलवायु संबंधी घटनाओं के प्रभाव को दर्शाता है।
जिन मामलों की हमने समीक्षा की, उनमें से लगभग एक-तिहाई जानवरों को सफलतापूर्वक जंगल में वापस छोड़ दिया गया।
समाधान
हमारे परिणाम उन कदमों पर प्रकाश डालते हैं जो इन खतरों से वन्यजीवों को बचाने में मदद कर सकते हैं। उदाहरण के लिए, परिवहन विभाग वन्यजीवों के लिए पुल, अंडरपास आदि का निर्माण कर सकते हैं, ताकि जानवरों को सड़क हादसों से बचाया जा सके।
वन्यजीव प्रबंधन एजेंसियां सीसा विषाक्तता को कम करने के लिए सीसा युक्त गोला-बारूद और मछली पकड़ने वाले गियर के उपयोग को प्रतिबंधित या सीमित कर सकती हैं। सरकारें मौसम की प्रतिकूल परिस्थितियों से वन्यजीवों को बचाने के लिए उनके लिए आपदा प्रबंधन योजनाएं बना सकती हैं।
इसके अलावा आम लोग धीमी गति एवं सावधानी से वाहन चलाकर और मछली पकड़ने और शिकार करने के अपने उपकरणों को सीसा रहित विकल्पों से बदलने जैसे कदम उठाकर स्वयं भी इसमें योगदान दे सकते हैं।

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