Hyderabad Fire Incident: हैदराबाद अग्निकांड में मरने वालों की संख्या बढ़कर 10 , बिल्डिंग मालिक गिरफ्तार

हैदराबाद, 19 नवंबर : हैदराबाद के एक अपार्टमेंट परिसर में 13 नवंबर को लगी आग की घटना में मरने वालों की संख्या 10 हो गई है. पुलिस ने बिल्डिंग के मालिक को गिरफ्तार कर लिया है. नामपल्ली पुलिस ने घटना के लगभग एक सप्ताह बाद बाजारघाट में बालाजी रेजीडेंसी के मालिक रमेश कुमा जायसवाल को गिरफ्तार किया. चार मंजिला इमारत के स्टिल्ट फ्लोर में रखे केमिकल ड्रमों में आग लग गई थी, जिसके कारण यह भीषण हादसा हुआ. पुलिस ने कहा कि उन्होंने उसी इमारत के निवासी मोहम्मद अहमद की शिकायत पर मामला दर्ज किया है.

शिकायतकर्ता के अनुसार, लगभग 09:20 बजे उसने ‘बाहर आ जाओ’ की चीख सुनी और देखा कि बालाजी रेजीडेंसी के सामने रखी एक कार में आग लगी हुई थी. कुछ मिनटों के बाद रेजिन के ड्रम फट गए और रेजिन फैल गया जिसके कारण आग की लपटें ऊंची उठी. वह भी जोर से चिल्लाया और पहली मंजिल पर रहने वाला परिवार बाहर आ गया. आग की लपटें ज्यादा बढ़ने से अन्य लोग बाहर नहीं निकल सके. फायर ब्रिगेड ने मौके पर पहुंचकर आग पर काबू पाया. अग्निशमन विभाग के कर्मचारी अंदर गए और पाया कि दूसरी और तीसरी मंजिल पर रहने वाले नौ लोग जलने और दम घुटने के कारण मर गए. शनिवार को छात्र तल्हा नसर (17) की अस्पताल में मौत हो गई, जिसके चलते मरने वालों की संख्या 10 हो गई.

पुलिस उपायुक्त (मध्य क्षेत्र) एम. वेंकटेश्वरलु पुलिस के मुताबिक, आरोपी रेजिन खरीदकर थोक और खुदरा कारोबार कर रहा है. वह वितरकों से मटेरियल प्राप्त करता था और अगले दिन अपने ग्राहकों को सप्लाई करता था. अधिकांश लोड रात में आता है, और आरोपी बालाजी रेजीडेंसी के स्टिल्ट फ्लोर पर लोड का भंडारण कर रहा था, जिसे उसके द्वारा गोदाम के रूप में उपयोग किया जाता था. कई बार लोगों ने आरोपी से आग्रह किया था कि रेजिन ड्रम और डिब्बे न रखें, लेकिन वह नहीं माना. पुलिस अधिकारी ने कहा, अपनी सुविधा के लिए, आरोपी हमेशा इमारत के स्टिल्ट पर रेजिन के ड्रम और डिब्बे अवैध रूप से रखता था, यह जानते हुए कि रासायनिक सामग्री वहां रहने वाले लोगों के जीवन को खतरे में डाल रही थी.

11 नवंबर की शाम को आरोपी को 35 किलो के 32 डिब्बे मिले, जिनमें रेजिन केमिकल था और स्टिल्ट फ्लोर में रखा हुआ था. 13 नवंबर को, इमारत के दक्षिण की ओर से भीषण आग लग गई, जहां आरोपियों ने रेजिन के ढेर सारे डिब्बे फेंक दिए थे. जांच के दौरान इमारत में रखे 30 ड्रम और रेजिन केमिकल के 88 डिब्बे भी जब्त कर लिए गए और नमूनों को रासायनिक जांच के लिए फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला (एफएसएल) में भेज दिया गया. इमारत से दो डीवीआर भी जब्त किए गए और डेटा पुनर्प्राप्ति के लिए एफएसएल को भेजे गए.

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