जरुरी जानकारी | आईपीईएफ सदस्यों ने ‘निष्पक्ष’ अर्थव्यवस्था समझौते पर बातचीत पूरी की

नयी दिल्ली, 17 नवंबर भारत और अमेरिका सहित आईपीईएफ के सदस्य देशों ने निष्पक्ष अर्थव्यवस्था समझौते पर बातचीत पूरी कर ली है। इस समझौते का मकसद वाणिज्य, व्यापार और निवेश को बढ़ावा देने के लिए भ्रष्टाचार-रोधी और कर उपायों के क्रियान्वयन को मजबूत करना है। एक आधिकारिक बयान में शुक्रवार को यह बात कही गई।
यह घोषणा 14 नवंबर को सैन फ्रांसिस्को, कैलिफोर्निया में आयोजित तीसरी हिंद-प्रशांत समृद्धि की आर्थिक रूपरेखा (आईपीईएफ) मंत्रिस्तरीय बैठक के बाद की गई थी। बैठक में वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने भारत का प्रतिनिधित्व किया।
इस समझौते से होने वाले प्रमुख लाभों में भागीदार देशों के बीच सूचनाओं का अधिक आदान-प्रदान, संपत्ति की वसूली की सुविधा प्रदान करना और सीमापार जांच तथा अभियोजन तेज करने में मदद मिलना शामिल है।
बयान के अनुसार, ‘‘ निष्पक्ष अर्थव्यवस्था के तहत आईपीईएफ भागीदारों का लक्ष्य आईपीईएफ अर्थव्यवस्थाओं के बीच वाणिज्य, व्यापार तथा निवेश को बढ़ावा देने के लिए प्रभावी भ्रष्टाचार-रोधक तथा कर उपायों के क्रियान्वयन को मजबूत करना है।’’
गोयल ने कहा कि इसमें भ्रष्टाचार, धन शोधन और आतंकवाद के वित्तपोषण के खिलाफ लड़ने का संयुक्त संकल्प शामिल है।
वाणिज्य मंत्रालय के अनुसार, ‘‘ इस मंत्रिस्तरीय बैठक में आईपीईएफ स्तंभ-3 (स्वच्छ अर्थव्यवस्था), स्तंभ-4 (निष्पक्ष अर्थव्यवस्था) और समृद्धि के लिए हिंद-प्रशांत आर्थिक ढांचे पर समझौते (जो एक मंत्री-स्तरीय परिषद तथा एक आयोग की स्थापना करना चाहता है) के तहत बातचीत हुई। बातचीत काफी हद तक सार्थक रही।’’
बयान में कहा गया, स्वच्छ अर्थव्यवस्था समझौते के तहत 14 आईपीईएफ सदस्य देशों का मकसद स्वच्छ ऊर्जा तथा जलवायु-अनुकूल प्रौद्योगिकियों के अनुसंधान, विकास, वाणिज्यिकरण, उपलब्धता, पहुंच तथा उसकी स्थापना के लिए सहयोग को बढ़ाना है। साथ ही क्षेत्र में जलवायु-संबंधित परियोजनाओं के लिए निवेश की सुविधा प्रदान करना है।
उन्होंने इसके तहत परिकल्पित सहकारी कार्य कार्यक्रमों के क्रियान्वयन को प्राथमिकता देने की आवश्यकता पर भी जोर दिया, जिसमें हाइड्रोजन आपूर्ति श्रृंखला पहल और जैव ईंधन तथा ई-कचरा पुनर्चक्रण के लिए भारत का प्रस्ताव शामिल हैं।
आईपीईएफ का गठन पिछले साल 23 मई को जापान की राजधानी तोक्यो में अमेरिका और हिंद-प्रशांत क्षेत्र के अन्य भागीदार देशों द्वारा संयुक्त रूप से किया गया है।
ऑस्ट्रेलिया, ब्रुनेई दारुस्सलाम, फिजी, भारत, इंडोनेशिया, जापान, कोरिया गणराज्य, मलेशिया, न्यूजीलैंड, फिलिपीन, सिंगापुर, थाइलैंड, अमेरिका और वियतनाम इसके सदस्य देश हैं।
सदस्य राष्ट्र अब समझौतों का अंतिम पाठ तैयार करने के लिए अपने-अपने देश में परामर्श करेंगे और कानूनी समीक्षा सहित आवश्यक कदम उठाएंगे।
अंतिम रूप दिए जाने पर प्रस्तावित समझौते हस्ताक्षर के लिए आईपीईएफ भागीदारों की घरेलू प्रक्रियाओं के अधीन होंगे, जिसके बाद स्वीकृति या अनुमोदन की प्रक्रिया होगी।

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