विदेश की खबरें | इजराइल ने गाजा के दक्षिण में व्यापक अभियान का संकेत दिया

यह इजराइली सैनिकों के उस क्षेत्र में हमले के संभावित विस्तार का संकेत है, जहां से अधिकांश आबादी इजराइल की बमबारी और जमीनी हमले से बचने के लिए भाग गई है।
इस बीच, इजराइली सैनिकों ने उत्तर में शिफा अस्पताल में तलाशी जारी रखी जो बुधवार तड़के शुरू हुई थी। इजराइली सैनिकों ने कुछ बंदूकें दिखायीं और कहा कि ये एक इमारत में मिलीं लेकिन उन्होंने अभी तक हमास के केंद्रीय कमान सेंटर होने का कोई सबूत जारी नहीं किया है, जिसके बारे में इजराइल ने कहा है कि वह परिसर के नीचे छिपा है। हमास और गाजा के सबसे बड़े अस्पताल के कर्मचारियों ने इन आरोपों से इनकार किया है।
इजराइल ने दक्षिण में अभियान का विस्तार किया है जहां वह पहले से ही प्रतिदिन हवाई हमले करता रहा है। घिरे हुए क्षेत्र में पहले से ही गंभीर मानवीय संकट का खतरा है। गाजा में 15 लाख से अधिक लोग आंतरिक रूप से विस्थापित हो गए हैं, जिनमें से अधिकांश दक्षिण की ओर भाग गए हैं, जहां भोजन, पानी और बिजली की कमी बढ़ती जा रही है।
यह स्पष्ट नहीं है कि वे और कहां जा सकते हैं, क्योंकि मिस्र ने अपने देश में बड़़ी संख्या में शरणार्थियों को लेने से इनकार कर दिया है।
फलस्तीनी दूरसंचार प्रदाता के अनुसार यह क्षेत्र बृहस्पतिवार को तब फिर से बाहरी दुनिया से कट गया, जब ईंधन की कमी के कारण सभी संचार सेवाएं बंद हो गईं।
युद्ध अब छठे सप्ताह में है। इसकी शुरुआत 7 अक्टूबर को दक्षिणी इजराइल में हमास के व्यापक हमले के कारण शुरू हुआ था, जिसमें आतंकवादियों ने 1,200 से अधिक लोगों को मार डाला था, जिनमें ज्यादातर नागरिक थे। साथ ही आतंकवादियों ने लगभग 240 पुरुषों, महिलाओं और बच्चों को बंधक बना लिया था।
इजराइल ने इसका जवाब हमास को सत्ता से हटाने और उसकी सैन्य क्षमताओं को कुचलने की कसम खाते हुए एक सप्ताह के हवाई अभियान और उत्तरी गाजा पर जमीनी आक्रमण से दिया।
फलस्तीनी स्वास्थ्य अधिकारियों के अनुसार, हमलों में 11,200 से अधिक फलस्तीनी मारे गए हैं, जिनमें से दो-तिहाई महिलाएं और नाबालिग हैं। अन्य 2,700 लोगों के लापता होने की सूचना है, जिनमें से अधिकांश के मलबे में दबे होने की आशंका है।
इजराइल का कहना है कि उसने हजारों लड़ाकों को मार डाला है। युद्ध की वजह से अन्यत्र तनाव बढ़ गया है। बृहस्पतिवार को, बंदूकधारियों ने यरूशलम को कब्जे वाले पश्चिमी तट में इजराइली बस्तियों से जोड़ने वाली मुख्य सड़क पर एक जांच चौकी पर चार लोगों को गोली मारकर घायल कर दिया।
पुलिस के अनुसार, इस घटना में तीन हमलावर मारे गए। पुलिस ने बताया कि हमलावरों के पास असॉल्ट राइफल, हैंडगन और कुल्हाड़ी थीं और वे यरूशलम में बड़े पैमाने पर हमले की तैयारी कर रहे थे।
इजराइली सैनिकों ने बुधवार को गाजा के सबसे बड़े अस्पताल में धावा बोला और उसके अंदर और नीचे हमास सदस्यों की तलाश की। उक्त अस्पताल में नवजात शिशुओं और सैकड़ों अन्य रोगियों को बिजली और अन्य बुनियादी आवश्यकताओं के बिना कई दिनों तक परेशानी उठानी पड़ी।
गाजा में हमास द्वारा संचालित स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि सैनिकों ने बृहस्पतिवार को अस्पताल के भूमिगत तलों की तलाशी ली और इसके उपकरण चलाने के लिए जिम्मेदार तकनीशियनों को हिरासत में ले लिया।
सेना ने कहा कि उसके सैनिक चिकित्सा टीमों के साथ थे जो इनक्यूबेटर और अन्य उपकरण लाये थे।
कई दिनों तक शिफा की घेराबंदी के बाद, इजराइल को अपने दावे को साबित करने के लिए दबाव का सामना करना पड़ रहा है कि हमास ने अपने लड़ाकों को छुपाने के लिए वहां मरीजों, कर्मचारियों और नागरिकों का इस्तेमाल किया।
इजराइली सेना ने शिफा के अंदर का एक वीडियो जारी किया जिसमें तीन बैग दिखाए गए। इनके बारे में कहा गया कि इन्हें एमआरआई लैब के आसपास छिपाया गया था तथा प्रत्येक में एक असॉल्ट राइफल, ग्रेनेड और हमास की वर्दी थी। सेना ने कहा कि साथ ही एक कोठरी थी जिसमें कई असॉल्ट राइफलें थीं। एसोसिएटेड प्रेस इजराइल के इस दावे की स्वतंत्र रूप से पुष्टि नहीं कर सका कि अस्पताल के अंदर हथियार पाए गए।
हमास और गाजा के स्वास्थ्य अधिकारी इस बात से इनकार करते हैं कि आतंकवादी शिफा का इस्तेमाल करते हैं। यह एक ऐसा अस्पताल है जिसमें लगभग 1,500 लोग कार्यरत हैं और 500 से अधिक बिस्तर हैं।
फलस्तीनियों और मानवाधिकार समूहों ने इजराइल पर नागरिकों को खतरे में डालने का आरोप लगाया है।
अस्पताल के अंदर गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी मुनीर अल-बोरश ने कहा कि सैनिकों ने बेसमेंट और अन्य इमारतों में तोड़फोड़ की, और मरीजों, कर्मचारियों और आश्रय लेने वाले लोगों से पूछताछ की और उनके चेहरे स्कैन किये।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि शनिवार को शिफा के आपातकालीन जनरेटर का ईंधन खत्म होने के बाद से तीन शिशुओं सहित 40 मरीजों की मौत हो गई है। अन्य 36 शिशुओं की स्थिति के बारे में कोई जानकारी नहीं है, जिनके बारे में मंत्रालय ने पहले कहा था कि उनकी मृत्यु का खतरा है।

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