देश की खबरें | कोटा में हवाई अड्डा विकास का मुद्दा चुनावी मौसम में गरमाया

कोटा, 20 नवंबर राजस्थान में विधानसभा चुनाव प्रचार के जोर पकड़ने के साथ कोटा में एक हवाई अड्डे के विकास की मांग गरमाती दिख रही है। लेकिन इस विकास परियोजना के साकार नहीं होने के लिए कांग्रेस और भाजपा एक-दूसरे पर आरोप लगा रही हैं।
कोटा में एक छोटा हवाई अड्डा है, लेकिन नियमित उड़ान सेवाओं के अभाव में केवल वीआईपी या विशेष विमान ही वहां उतरते हैं।
यह मुद्दा विशेष रूप से कोटा उत्तर सीट पर प्रचार अभियान में जगह बना चुका है। कोटा में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के भरोसेमंद शांति धारीवाल का मुकाबला वसुंधरा राजे के वफादार और भाजपा नेता प्रह्लाद गुंजल से है।
वाणिज्यिक उड़ानों की सेवा प्रदान करने वाले एक नियमित हवाई अड्डे की यहां लंबे समय से मांग होती रही है और यह मुद्दा चुनाव अभियानों में अनिवार्य रूप से जगह बनाता है। यह 2018 के विधानसभा चुनाव और 2019 के लोकसभा चुनाव में भी एक चुनावी मुद्दा था।
इंजीनियरिंग और मेडिकल प्रवेश परीक्षा जेईई और एनईईटी की तैयारी के लिए सालाना दो लाख से अधिक छात्र कोटा आते हैं। इनमें से कई दूर-दराज के इलाकों से यात्रा करते हैं और यहां नियमित हवाई अड्डे के अभाव में उन्हें नयी दिल्ली, जयपुर या उदयपुर के रास्ते कोटा आना पड़ता है।
यहां प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहीं आंध्र प्रदेश के कुरनूल की छात्रा सरीना संदीप ने कहा, ‘‘देशभर से छात्र कोटा आते हैं। कुछ बहुत दूर के राज्यों से आते हैं और जहां से यात्रा करने में बहुत समय लगता है। यह सुविधा (हवाई अड्डा) कोटा में होनी चाहिए।’’
इंजीनियरिंग परीक्षा की तैयारी कर रहे एक छात्र ने ‘पीटीआई-’ से कहा, “अगर हमें घर जाना है, तो हम जल्दी जा सकते हैं और बिना समय बर्बाद किए वापस आ सकते हैं। यहां छुट्टियां भी बहुत कम मिलती हैं। अगर एक नियमित हवाई अड्डा होगा, तो हमारा समय बचेगा।”

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