देश की खबरें | मुख्य सचिव के कहने पर जल बोर्ड को नहीं मिला धन, दिल्ली में जल संकट की आशंका : आतिशी

नयी दिल्ली, 21 नवंबर दिल्ली की जल मंत्री आतिशी ने मंगलवार को दावा किया कि वित्त विभाग की ओर से दिल्ली जल बोर्ड को कोष नहीं देने के कारण शहर में “मानव निर्मित जल संकट” आसन्न है और उन्होंने इस मामले में उपराज्यपाल वीके सक्सेना से तत्काल हस्तक्षेप की मांग की।
सरकारी सूत्रों के मुताबिक, मंत्री ने उपराज्यपाल को लिखे अपने पत्र में आरोप लगाया कि मुख्य सचिव की सलाह पर वित्त सचिव आशीष सी वर्मा ने अगस्त से दिल्ली जल बोर्ड के सभी कोष रोक दिए हैं।
उन्होंने मांग की कि वर्मा के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाए।
इस आरोप ने दिल्ली में नौकरशाही और आम आदमी पार्टी (आप) सरकार के बीच नए सिरे से टकराव की स्थिति तैयार कर दी है। आतिशी के आरोपों पर मुख्य सचिव या वित्त सचिव की ओर से तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं मिल सकी।
योजना विभाग के सूत्रों ने कहा कि जून में बोर्ड को 1,598 करोड़ रुपये जारी किए गए थे। एक सूत्र ने कहा कि और कोष “कार्यों की प्रगति के साक्ष्य और जियोटैगिंग के आधार पर यह सुनिश्चित करने बाद जारी किया जाएगा कि सरकारी धन का दुरुपयोग तो नहीं किया जा रहा है।
वित्त विभाग के सूत्रों के मुताबिक, सरकार बोर्ड को वेतन या मरम्मत और रखरखाव के लिए कोष नहीं देती है।
एक सूत्र ने दावा किया, “ इन्हें बोर्ड अपने राजस्व से पूरा करता है। इसके अलावा, जल और सीवेज शोधन संयंत्र चलाना बोर्ड की जिम्मेदारी है। इसलिए यह कहना गलत है कि जल आपूर्ति या सीवेज शोधन बंद हो जाएंगे।
आतिशी ने अपने पत्र में कहा कि यह चिंताजनक है कि दिल्ली सरकार के वित्त विभाग ने बोर्ड को वे कोष जारी करने से इनकार कर दिया है जिसे दिल्ली विधानसभा द्वारा पारित बजट 2023-24 बजट में पहले ही आवंटित किया जा चुका है।
मंत्री ने आरोप लगाया कि वित्त और योजना विभाग “पिछली आपत्ति का समाधान होने पर बार-बार नई और अलग-अलग आपत्तियां पेश कर रहा हैं।”
आतिशी ने आरोप लगाया, “ यह दिन की तरह स्पष्ट है कि आशीष सी वर्मा का इरादा गलत है और वह डीजेबी को सहायता अनुदान और ऋण की दूसरी किस्त जारी करने से रोकने की योजना बना रहे हैं। आशीष सी वर्मा की अवरोधक रणनीति के कारण डीजेबी में संसाधनों की गंभीर कमी हो गई है।”
उन्होंने दावा किया कि बोर्ड के वेंडर को भुगतान नहीं किया गया है और अब उन्होंने राष्ट्रीय राजधानी में जल आपूर्ति बनाए रखने और चालू सीवर प्रणाली प्रदान करने के लिए आवश्यक नियमित रखरखाव और सफाई कार्य करने से भी इनकार कर दिया है।
आतिशी ने दावा किया, “ पानी के टैंकर दिल्ली की झुग्गियों में जल पहुंचाने से इनकार कर रहे हैं। इससे दिल्ली में सार्वजनिक स्वास्थ्य संकट और महामारी जैसी स्थिति पैदा होना तय है।”
मंत्री ने आरोप लगाया, “इस सार्वजनिक संकट की जिम्मेदारी पूरी तरह से आशीष सी वर्मा के कंधों पर है। यह चौंकाने वाला है कि कैसे एक अधिकारी अकेले अपनी शर्मनाक अवरोधक रणनीति से पूरी दिल्ली को बंधक बना रहा है।”
उन्होंने वर्मा पर “प्रभारी मंत्री के स्पष्ट, लिखित निर्देशों का पालन करने में अनिच्छा” दिखाने का आरोप लगाया।
आतिशी ने कहा कि जल और वित्त विभाग की प्रभारी होने के नाते उन्होंने 16 नवंबर को नोट के जरिए वर्मा को स्थिति से अवगत कराते हुए साफ निर्देश दिए थे कि 17 नवंबर की सुबह 11 बजे तक बोर्ड को अनुदान की दूसरी किस्त जारी कर दी जाए। आतिशी ने आरोप लगाया कि वर्मा न केवल घोर अवज्ञा दिखाई है, बल्कि अखिल भारतीय सेवा (आचरण) नियम 1968 का भी उल्लंघन किया है।
उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में कई इलाकों में भीषण जल संकट, गंदा पानी और सीवर ओवरफ्लो देखने को मिल सकता है।
मंत्री ने इस मामले में वर्मा को निलंबित करने और उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की सिफारिश की है।

प्रातिक्रिया दे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *