देश की खबरें | जम्मू-कश्मीरः नक्सली हमले में शहीद आईटीबीपी जवान के परिजनों को सांत्वना देने उमड़े लोग

सांबा/जम्मू, 18 नवंबर छत्तीसगढ़ में एक नक्सली हमले में शहीद हुए भारत-तिब्बत सीमा पुलिस बल (आईटीबीपी) के जवान के सांबा जिले में स्थित गांव में शनिवार को पार्थिव शरीर का इंतजार कर रहे परिजनों को सांत्वना देने के लिए सैकड़ों लोग पहुंचे।
अधिकारियों ने बताया कि शहीद जवान का अंतिम संस्कार संभवतः रविवार को उनके पैतृक गांव में किया जाएगा।
छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण के समापन के बाद गरियाबंद जिले में गोबरा गांव के पास हुए एक विस्फोट में शुक्रवार को हेड कांस्टेबल जोगिंदर कुमार शहीद हो गए थे। जिस समय यह विस्फोट हुआ तब सुरक्षाकर्मी मतदान कर्मियों के दल के साथ लौट रहे थे।
जोगिंदर कुमार (45) जम्मू-कश्मीर के सांबा जिले के रामगढ़ सेक्टर के अबताल कटालन गांव के निवासी थे। उनके पिता और बड़े भाई सेना से सेवानिवृत्त हैं जबकि उनके दो अन्य छोटे भाई आईटीबीपी और केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) में सेवारत हैं।
अंतर्राष्ट्रीय सीमा से केवल दो किलोमीटर दूर स्थित कुमार के आवास पर ग्रामीण उनकी मां और पत्नी सहित शोक संतप्त परिवार के सदस्यों को सांत्वना देने के लिए एकत्रित हुए। कुमार का नौ वर्षीय एक बेटा है।
सरपंच सोमनाथ ने कहा कि उन्हें इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना के बारे में शुक्रवार शाम पांच बजे सूचना मिली। उन्होंने कहा,”उनके बलिदान पर पूरे गांव को गर्व है।”
जवान के पिता दिलीप सिंह ने संवाददाताओं से कहा, “मुझे अपने बेटे के निधन पर दुख है, लेकिन साथ ही मुझे गर्व भी है कि उसने देश की सेवा में अपना जीवन न्यौछावर किया।”
उन्होंने कहा, ”कुमार बचपन से ही सेना में जाना चाहता था और भाई की तरह उसका भी देश की सेवा करने का सपना था। मैने उसे चयन के लिए कठिन परिश्रम करते देखा…अब वह अपने पीछे एक छोटे बेटे को छोड़ गया है, सरकार को आगे आकर उसकी मदद करनी चाहिए।”
सिंह ने कहा कि कुमार चुनाव प्रक्रिया पूरी होने के बाद छुट्टी में घर आने की योजना बना रहे थे।
उन्होंने कहा,” नक्सलवाद नया नहीं है, सरकार को इस समस्या का स्थायी समाधान निकालना चाहिए।”
आईटीबीपी ने भी जवान को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि वह शोक संतप्त परिवार के साथ मजबूती से खड़ा है।
इसने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि आईटीबीपी के महानिदेशक और अन्य सभी रैंक उस बहादुर को सलाम करते हैं जिसने कर्तव्य की बेदी पर सर्वोच्च बलिदान दिया।

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