सनातन धर्म और समाजवाद को एक साथ लेकर चलती है जन सेना पार्टी: पवन कल्याण

कोठागुडेम (तेलंगाना), 23 नवंबर : अभिनेता-राजनेता पवन कल्याण ने कहा कि जन सेना पार्टी सनातन धर्म और समाजवाद दोनों को एक साथ लेकर चल रही है. उनका दावा है कि उन्होंने इसे तेलंगाना के क्रांतिकारी कवि दाशरथी कृष्णमाचार्युलु से सीखा है, जिन्होंने प्रसिद्ध कविता ‘ना तेलंगाना कोटि रत्नाला वीणा’ (मेरा तेलंगाना एक करोड़ हीरों से सजी वीणा की तरह है) लिखी थी. जेएसपी नेता अविभाजित खम्मम जिले के कोठागुडेम में जेएसपी-भाजपा उम्मीदवारों के समर्थन में चुनाव अभियान के तहत एक सार्वजनिक बैठक को संबोधित कर रहे थे.

जेएसपी तेलंगाना में भाजपा के साथ गठबंधन में आगामी चुनाव लड़ रही है. 2019 में आंध्र प्रदेश में इसका वाम दलों के साथ चुनावी गठबंधन था. पवन कल्याण ने कहा कि दोनों विचारधाराओं को साथ-साथ चलाया जा सकता है. बहुत से लोग कहते हैं कि हम आपकी राजनीति को नहीं समझ‍ते, मैं उनसे कहता हूं कि मेरा धर्म मानवतावाद है. तेलंगाना की 119 विधानसभा सीटों में से जेएसपी आठ सीटों पर चुनाव लड़ रही है, जिनमें से चार अविभाजित खम्मम जिले में हैं, जो कम्युनिस्ट प्रभाव का इतिहास वाला क्षेत्र है. पवन कल्याण ने दोहराया कि वह आंध्र प्रदेश में ‘गुंडों’ से लड़ने के लिए तेलंगाना आंदोलन से प्रेरणा लेते हैं. उन्होंने कहा कि मैंंने भाजपा को समर्थन देने का फैसला किया क्योंकि वह चाहते थे कि नरेंद्र मोदी एक और कार्यकाल के लिए प्रधानमंत्री बनें.

उन्होंने कहा कि वह तेलंगाना में सत्ता में आने पर पिछड़े वर्ग से किसी को मुख्यमंत्री बनाने के भाजपा के वादे से भी प्रभावित हैं. उन्होंने कहा,“पिछड़ा वर्ग आबादी का 50 प्रतिशत है. पिछड़े वर्ग से ही मुख्यमंत्री बनना चाहिए.” अभिनेता-राजनेता ने कहा कि जेएसपी ने तेलंगाना राज्य के लिए लड़ने वाली टीआरएस, भाजपा, कांग्रेस और वाम दलों के सम्मान में तेलंगाना में चुनावी राजनीति में अपनी शुरुआत करने के लिए एक दशक तक इंतजार किया. यह कहते हुए कि राज्य का गठन 1,200 युवाओं के बलिदान के बाद हुआ था और युवाओं को बहुत सारी उम्मीदें थी, उन्होंने कहा कि वे उम्मीदें अभी भी पूरी नहीं हुई हैं.

जेएसपी नेता ने आरोप लगाया कि 2004 के बाद से बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हुआ है और उम्मीद थी कि नए राज्य में इस पर अंकुश लगाया जाएगा. लेकिन, वही गलतियां दोहराई जा रही हैं. उन्होंने कहा कि जेएसपी उन युवाओं के साथ खड़ी रहेगी, जो भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ना चाहते हैं. बीआरएस की परोक्ष आलोचना में उन्होंने कहा कि सरकार नौकरी कैलेंडर का पालन करने में विफल रही, जबकि भर्ती परीक्षाओं में प्रश्नपत्र लीक होने के कारण कई बेरोजगार युवाओं ने आत्महत्या कर ली. उन्होंने ‘हैदराबाद केंद्रित विकास’ में भी खामी निकाली और कहा कि हर जिले और हर गांव में विकास होना चाहिए और युवाओं को नौकरी मिलनी चाहिए.

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