देश की खबरें | झारखंड: आदिवासियों के सशक्तीकरण के लिए 24 हजार करोड़ रुपये की योजना की शुरुआत करेंगे मोदी

नयी दिल्ली/रांची, 13 नवंबर मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान सहित पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव के लिए जारी प्रचार अभियान के बीच प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 14-15 नवम्बर को झारखंड का दौरा करेंगे और इस दौरान वह भगवान बिरसा मुंडा की जन्मस्थली उलिहातू गांव जाएंगे और जनजातीय समूहों पर केंद्रित एक योजना की शुरुआत करेंगे।
प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) के मुताबिक वह ‘विकसित भारत संकल्प यात्रा’ को हरी झंडी दिखाकर रवाना करेंगे, पीएम-किसान की 15वीं किस्त जारी करेंगे और झारखंड में कई विकास परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास करेंगे।
मोदी मंगलवार को झारखंड की राजधानी रांची में एक रोडशो करेंगे जो रात करीब आठ बजे उनके यहां बिरसा मुंडा हवाई अड्डे पर पहुंचने के साथ ही शुरू हो जाएगा और रात्रि करीब 9.30 बजे 10 किलोमीटर दूर राज भवन में समाप्त होगा।
प्रधानमंत्री 15 नवंबर की सुबह रांची में भगवान बिरसा मुंडा स्मारक उद्यान में स्वतंत्रता सेनानी संग्रहालय का दौरा करेंगे और इसके बाद भगवान बिरसा मुंडा की जन्मस्थली उलिहातू गांव पहुंचेंगे, जहां वह भगवान बिरसा मुंडा की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित करेंगे।
पीएमओ ने कहा कि मोदी भगवान बिरसा मुंडा की जन्मस्थली उलिहातू गांव का दौरा करने वाले पहले प्रधानमंत्री होंगे। वह खूंटी में आयोजित तीसरे जनजातीय गौरव दिवस के समारोह में भी भाग लेंगे।
कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री ‘विकसित भारत संकल्प यात्रा’ को हरी झंडी दिखाकर रवाना करेंगे।
पीएमओ ने कहा कि प्रधानमंत्री का यह निरंतर प्रयास रहा है कि सरकार की प्रमुख योजनाओं से कोई वंचित ना रह जाए और इनका लाभ समयबद्ध तरीके से सभी लक्षित लाभार्थियों तक पहुंचे।
प्रधानमंत्री इस अवसर पर आईईसी (सूचना, शिक्षा और संचार) वैन को हरी झंडी दिखाएंगे।
यात्रा शुरू में महत्वपूर्ण जनजातीय आबादी वाले जिलों से शुरू होगी और 25 जनवरी 2024 तक देश भर के सभी जिलों को कवर करेगी।
कार्यक्रम के दौरान, मोदी विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूहों (पीवीटीजी) के समग्र विकास के उद्देश्य से 24,000 करोड़ रुपये की एक योजना की शुरुआत करेंगे।
पीएमओ ने कहा कि पीवीटीजी विकास मिशन योजना जनजातियों के सशक्तीकरण की दिशा में एक बड़ा कदम होगा और यह अपनी तरह की प्रथम पहल होगी।
2023-24 के बजट में, पीवीटीजी की सामाजिक-आर्थिक स्थितियों में सुधार के लिए इस योजना की घोषणा की गई थी।
पीएमओ के मुताबिक, 18 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 75 पीवीटीजी हैं, जो लगभग 28 लाख की आबादी वाले 220 जिलों में फैले 22,544 गांवों में रहते हैं।
उसने कहा कि ये जनजातियां बिखरी हुई हैं और वन क्षेत्रों के दूरस्थ व दुर्गम इलाकों में रहती हैं। इसलिए पीवीटीजी परिवारों और बस्तियों को सड़क और दूरसंचार संपर्क से जोड़ने, बिजली, सुरक्षित आवास, स्वच्छ पेयजल, स्वच्छता, शिक्षा, स्वास्थ्य और पोषण तक बेहतर पहुंच और स्थायी आजीविका के अवसरों जैसी बुनियादी सुविधाओं को पूरा करने के लिए यह योजना बनाई गई है।
इस योजना को ग्रामीण सड़क, ग्रामीण आवास और पेयजल को कवर करने वाले मौजूदा कल्याणकारी कार्यक्रमों के तहत नौ मंत्रालयों के माध्यम से लागू किया जाएगा। इन दूरदराज की बस्तियों को कवर करने के लिए कुछ योजना मानदंडों में ढील दी जाएगी।
इसके अलावा, प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना, सिकल सेल रोग उन्मूलन, टीबी उन्मूलन, 100 प्रतिशत टीकाकरण, पीएम सुरक्षित मातृत्व योजना, पीएम मातृ वंदना योजना, पीएम पोषण और पीएम जन धन योजना के लिए संतृप्ति कवरेज सुनिश्चित किया जाएगा।
पीएमओ ने कहा कि इस कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) के तहत लगभग 18,000 करोड़ रुपये की 15वीं किस्त की राशि 8 करोड़ से अधिक लाभार्थियों को प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण के माध्यम से जारी करेंगे।
इस योजना के तहत, अब तक, 14 किस्तों में किसानों के खातों में 2.62 लाख करोड़ रुपये से अधिक हस्तांतरित किए गए हैं।
अपनी यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री रेल, सड़क, शिक्षा, कोयला, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस जैसे विभिन्न क्षेत्रों में लगभग 7200 करोड़ रुपये की परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास करेंगे।
प्रधानमंत्री जिन परियोजनाओं की आधारशिला रखेंगे, उनमें राष्ट्रीय राजमार्ग 133 के महागामा-हंसडीहा खंड के 52 किलोमीटर खंड को चार लेन का बनाना, राष्ट्रीय राजमार्ग 114-ए के बासुकीनाथ-देवघर खंड के 45 किमी खंड को चार लेन का बनाना, केडीएच-पुरनाडीह कोयला हैंडलिंग संयंत्र, आईआईआईटी रांची का नया शैक्षणिक और प्रशासनिक भवन शामिल हैं।
प्रधानमंत्री द्वारा जिन परियोजनाओं का उद्घाटन और जिन्हें राष्ट्र को समर्पित किया जाएगा, उनमें आईआईएम रांची का नया परिसर, आईआईटी आईएसएम धनबाद का नया छात्रावास, बोकारो में पेट्रोलियम तेल और स्नेहक (पीओएल) डिपो, कई रेल परियोजनाएं जैसे हटिया-पकरा खंड, तालगड़िया-बोकारो खंड और जारंगडीह-पतरातू खंड का दोहरीकरण शामिल हैं।
पीएमओ ने कहा कि इसके अलावा झारखंड राज्य में 100 प्रतिशत रेलवे विद्युतीकरण की उपलब्धि को भी प्रधानमंत्री द्वारा राष्ट्र को समर्पित किया जाएगा।
इससे पहले, आदिवासी कार्यकर्ताओं ने शनिवार को धमकी दी थी कि अगर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपनी प्रस्तावित झारखंड यात्रा के दौरान सरना धर्म को मान्यता देने की लंबे समय से चली आ रही मांग को लेकर कोई घोषणा नहीं की तो वे आत्मदाह कर लेंगे।
‘आदिवासी सेंगेल अभियान’ (एएसए) के अध्यक्ष सालखन मुर्मू ने कहा कि कार्यकर्ता मांग के समर्थन में उस दिन झारखंड और अन्य राज्यों में अपराह्न 10 बजे से दोपहर 1 बजे तक उपवास रखेंगे।
मुर्मू ने कहा था कि चेतावनी एएसए के दो कार्यकर्ताओं द्वारा जारी की गई थी, लेकिन उपवास के बारे में निर्णय स्वतंत्र रूप से लिया गया है।
पूर्व सांसद मुर्मू ने कहा था, “हम उम्मीद कर रहे हैं कि प्रधानमंत्री अलग ‘सरना’ धर्म को मान्यता देने की हमारी लंबे समय से चली आ रही मांग को लेकर कोई घोषणा करेंगे… अगर वह हमारी मांग पर केंद्र सरकार का रुख स्पष्ट नहीं करते हैं, तो दोनों कार्यकर्ताओं ने शाम 4 बजे उलिहातु और बोकारो में आत्मदाह करने का फैसला किया है।”

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