मुंबई, 23 नवंबर महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री अनिल देशमुख के बेटे को पासपोर्ट नवीनीकरण के लिए आवेदन की अनुमति देते हुए यहां की एक विशेष अदालत ने कहा है कि धनशोधन के आरोपों में मुकदमा चलना पासपोर्ट नवीनीकरण की अनुमति नहीं देने का पर्याप्त आधार नहीं हो सकता।
विशेष न्यायाधीश आर एन रोकड़े ने बुधवार को सलिल देशमुख के आवेदन को स्वीकार कर लिया। इसमें प्रवर्तन निदेशालय को सलिल का जब्त पासपोर्ट लौटाने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया था ताकि वह इसके नवीनीकरण के लिए आवेदन कर सकें।
ईडी ने सलिल देशमुख और उनके पिता तथा राज्य के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख और कुछ अन्य लोगों पर धनशोधन का आरोप लगाया है।
सलिल को ईडी द्वारा मामले में औपचारिक रूप से गिरफ्तार नहीं किया गया था। एजेंसी ने अपने आरोप पत्र में आरोपी के तौर पर सलिल का नाम दर्ज किया। इसके बाद वह विशेष अदालत में पेश हुए जिसने उन्हें नवंबर 2022 में जमानत दे दी थी।
सलिल देशमुख ने अपने आवेदन में कहा कि उनके पासपोर्ट की अवधि जनवरी 2022 में समाप्त हो गयी थी। उन्होंने 10 वर्ष के लिए पासपोर्ट का नवीनीकरण करने के लिए अनुमति मांगी थी।
एजेंसी ने याचिका का विरोध करते हुए दलील दी कि सलिल देशमुख ने जांच में सहयोग नहीं किया है और उनके फरार होने के आसार हैं। उसने कहा कि सलिल देशमुख धनशोधन के अपराध के लिए मुकदमे का सामना कर रहे हैं जो गंभीर प्रकृति का है।
हालांकि अदालत ने कहा कि अनुमति केवल पासपोर्ट नवीनीकरण की मांगी गई है और ईडी की ऐसी कोई दलील नहीं है कि सलिल ने जमानत दिये जाते समय लागू किसी भी शर्त को तोड़ा है।
उसने कहा कि अभियोजन पक्ष ने आवेदन खारिज होने के लिए कोई वैध आधार प्रस्तुत नहीं किया है।
अदालत ने कहा, ‘‘महज धनशोधन रोकथाम कानून की धारा 4 के तहत अभियोजन चलना पासपोर्ट नवीनीकरण के लिए आवेदक को अनुमति नहीं देने के लिए पर्याप्त नहीं है।’’
अदालत ने निर्देश दिया कि ईडी सलिल देशमुख को पासपोर्ट सौंप दे ताकि वह नवीनीकरण के लिए आवेदन कर सकें।
अदालत ने यह भी कहा कि नवीनीकरण के बाद सलिल देशमुख एक बार फिर ईडी को पासपोर्ट जमा करेंगे।