नयी दिल्ली, 22 नवंबर बिना गारंटी (असुरक्षित) वाले खुदरा कर्ज पर भारतीय रिजर्व बैंक के हालिया निर्देश के बाद चालू वित्त वर्ष में भारत के गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी (एनबीएफसी) क्षेत्र की वृद्धि 16-18 प्रतिशत के अनुमान से कम रह सकती है। क्रिसिल रेटिंग्स ने बुधवार को यह अनुमान जताया है।
रेटिंग एजेंसी ने बयान में कहा कि देश की गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) की प्रबंधन-अधीन संपत्तियां (एयूएम) तमाम खुदरा ऋण क्षेत्रों में लगातार मजबूत मांग रहने से अगले वित्त वर्ष में 14-17 प्रतिशत की स्वस्थ वृद्धि दर्ज कर सकती हैं।
हालांकि चालू वित्त वर्ष में वृद्धि दर 16-18 प्रतिशत के अनुमान से मामूली रूप से कम रह सकती है, क्योंकि एनबीएफसी एयूएम में अबतक सबसे तेजी से बढ़ने वाले असुरक्षित खुदरा ऋण खंड में अपेक्षाकृत धीमी वृद्धि होने की आशंका है। इसकी वजह यह है कि एनबीएफसी रिजर्व बैंक की तरफ से हाल में जारी निर्देशों के अनुरूप अपनी रणनीतियों को नए सिरे से ढालने में जुटी हैं।
क्रिसिल ने कहा कि आगे चलकर उत्पाद पेशकश और वित्त पोषण ‘प्रोफाइल’ में विविधता एनबीएफसी की वृद्धि रणनीति में अहम भूमिका निभाएंगे।
रेटिंग एजेंसी के मुताबिक, एनबीएफसी की खुदरा ऋण वृद्धि ठोस अंतर्निहित व्यापक एवं सूक्ष्म आर्थिक कारकों से संचालित होती रहेगी।
क्रिसिल रेटिंग्स के प्रबंध निदेशक गुरप्रीत चटवाल ने एक वेबिनार में कहा कि हालिया नियामकीय उपाय असुरक्षित खुदरा ऋणों पर लक्षित हैं लेकिन इनका असर सुरक्षित परिसंपत्ति समूहों पर नहीं है। इसके अलावा विनियामक निर्देशों का प्रभाव आवासीय वित्तीय कंपनियों (एचएफसी) पर नहीं पड़ने वाला है।