अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।
इस वर्ष के प्रारंभ में उत्तर कोरिया ने टोही उपग्रहों के प्ररीक्षण का प्रयास किया था लेकिन वह इसमें नाकाम रहा था। उत्तर कोरिया ने कहा कि उसने उपग्रह ‘मालिगयोंग-1’ को मंगलवार रात को कक्षा में सफलतापूर्वक स्थापित कर दिया।
दक्षिण कोरिया ने इस बात की पुष्टि की है कि उपग्रह कक्षा में स्थापित हो गया है । साथ ही उसने कहा कि अभी उसे यह पता लगाने में कई दिन लगेंगे कि उपग्रह ठीक से कम कर रहा है या नहीं।
दक्षिण कोरिया की खुफिया एजेंसी ने बृहस्पतिवार को सांसदों को बताया कि प्रक्षेपण के सफल होने का मुख्य कारण रूसी सहायता है।
‘राष्ट्रीय खुफिया सेवा’ ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन द्वारा उत्तर कोरिया के उपग्रह कार्यक्रम को समर्थन देने के पूर्व में दिए गए बयानों का जिक्र किया।
इस बैठक में शामिल सांसद यू सांग-बुम ने बताया कि राष्ट्रीय खुफिया सेवा ने यह भी कहा कि उसे सूचना मिली है कि उत्तर कोरिया ने अपने नए ‘‘चोलिमा-1’’ रॉकेट की डिजाइन और अन्य आंकडें रूस को भेजे थे।
सांसद बुम ने कहा कि राष्ट्रीय खुफिया सेवा ने कहा कि उसे यह भी जानकारी मिली है कि रूस ने उत्तर कोरिया के आंकडों की समीक्षा के बाद उन्हें वापस भेज दिया था।
दक्षिण कोरिया के रक्षा मंत्री शिन वोनसिक ने संसद की एक समिति को बृहस्पतिवार को बताया कि ऐसा प्रतीत होता है कि रूस उत्तर कोरिया के उपग्रह कार्यक्रम को प्रौद्योगिकी संबंधी सहयोग मुहैया करा रहा है।
उत्तर कोरिया ने कहा कि उसका ‘मलिगयोंग-1’ उपग्रह एक दिसंबर को अपना काम शुरू करेगा। साथ ही उसने कहा कि उपग्रह ने गुआम में सैन्य प्रतिष्ठानों की तस्वीरें भेजी हैं और किम ने उन्हें देखा है।
उत्तर कोरिया ने तस्वीरें जारी नहीं की हैं। कई विशेषज्ञों को इस पर संदेह है कि उपग्रह इतना आधुनिक है कि वह सेना के लिए टोह लेने जैसे कार्य कर सके।
उत्तर कोरिया ने अमेरिका के साथ तनाव के बीच अंतरिक्ष आधारित निगरानी तंत्र स्थापित करने की प्रतिबद्धता दोहराई।
उत्तर कोरिया का कहना है कि उसे अमेरिका के नेतृत्व वाले सैन्य खतरों से निपटने के लिए टोही उपग्रह प्रक्षेपण का अधिकार है। उसका कहना है कि टोही उपग्रह उसे प्रतिद्वंद्वियों की गतिविधियों पर नजर रखने में मदद करेगा।
उपग्रह प्रक्षेपण के बाद दक्षिण कोरिया ने कहा कि उसने उत्तर कोरिया के साथ तनाव कम करने के लिए 2018 के समझौते को आंशिक रूप से निलंबित कर दिया है और वह सीमा पर निगरानी विमान और ड्रोन उड़ाना फिर से शुरू करेगा।
इस पर उत्तर कोरिया के रक्षा मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को दक्षिण कोरिया के फैसले की आलोचना की और कहा कि वह भी सीमा पर अधिक शक्तिशाली हथियार तैनात करेगा। उत्तर कोरिया ने कहा कि वह भी अब 2018 के समझौते का पालन नहीं करेगा।