जरुरी जानकारी | वित्तीय असर डालने वालों को पकड़ना आसान नहीं: सेबी पूर्णकालिक सदस्य

मुंबई, 20 नवंबर भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के पूर्णकालिक सदस्य अश्विनी भाटिया ने सोमवार को कहा कि गड़बड़ी कर वित्तीय प्रभाव डालने वालों को पकड़ना आसान नहीं होता है। वहीं, प्रतिभूति अपीलीय न्यायाधिकरण (सैट) यह उम्मीद करता है कि सेबी किसी भी मामले में कड़ाई से जांच करे।
सेबी के आदेश को न्यायाधिकरण में चुनौती दी जा सकती है।
भाटिया ने कहा कि पूंजी बाजार नियामक ने इस साल की शुरुआत में दिशानिर्देश जारी करने के बाद से वित्तीय प्रभाव डालने वाले एक मामले पर काम किया है। उन्होंने इसे ‘बड़ी उपलब्धि’ करार दिया।
भाटिया ने एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘वित्तीय प्रभाव डालने वालों को पकड़ना बहुत मुश्किल है। वास्तविकता यह है कि हमने एक मामले को सुलझाया है। यह एक बहुत बड़ी उपलब्धि है क्योंकि अपीलीय न्यायाधिकरण हमसे जिस कड़ाई से जांच की अपेक्षा करता है, यह मामला कानूनी रूप से उसके उपयुक्त है।’’
उन्होंने कहा कि सेबी को एक प्रभावशाली व्यक्ति के टेलीफोन और मोबाइल फोन विवरण प्राप्त करने होते हैं, जिसमें बहुत समय लगता है। ऐसे लोग अपने स्थान भी बदलते रहते हैं।
भाटिया ने यह भी कहा कि व्यवस्थित निवेश योजना यानी एसआईपी अक्टूबर में 17,000 करोड़ रुपये प्रतिमाह पर पहुंच गया। इसने अब बैंकों की आवर्ती जमा (रेकरिंग डिपोजिट) की जगह ले ली है।
उन्होंने कहा कि इसको देखते हुए देश में अधिक संख्या में निवेश सलाहकारों की आवश्यकता है। देश में 1,300 ऐसे निवेश सलाहकार हैं। इनमें से 500 सक्रिय नहीं हैं।
भाटिया ने कहा कि आदर्श स्थिति के अनुसार हर गली- मोहल्ले में एक निवेश सलाहकार होने चाहिए।

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