देश की खबरें | यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर सुरंग का हिस्सा ढहा, 36 श्रमिक अंदर फंसे

उत्तरकाशी, 12 नवंबर उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में ब्रह्मखाल-यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर निर्माणाधीन सुरंग के एक हिस्से के रविवार सुबह अचानक ढहने से उसमें 36 श्रमिक फंस गए जिन्हें बाहर निकालने के लिए युद्धस्तर पर बचाव एवं राहत कार्य चलाया जा रहा है।
इस बीच, सिलक्यारा से डंडालगांव के बीच बन रही सुरंग का निर्माण कर रही एजेंसी ने कहा कि इस बात के संकेत मिले हैं कि अंदर फंसे श्रमिक सुरक्षित हैं।
नवयुग इंजीनियरिंग कंपनी लिमिटेड के परियोजना प्रबंधक राजेश पंवार ने कहा कि सुरंग में फंसे लोगों ने पाइप से पानी बाहर गिराया है जिससे संकेत मिला है कि वे सभी सुरक्षित हैं।
उन्होंने कहा कि मक (कीचड़ वाला मलबा) निकालने का काम तेजी से किया जा रहा है और हमें लग रहा है कि अब हम ज्यादा दूर नहीं है। पंवार ने कहा, ‘‘हमें उम्मीद है कि हम आज रात तक वहां (श्रमिकों तक) पहुंच जाएंगे।’’
इससे पहले, घटना की सूचना मिलते ही मौके पर पहुंचे उत्तरकाशी के पुलिस अधीक्षक अर्पण यदुवंशी ने बताया कि पुलिस, राष्ट्रीय आपदा मोचन बल, राज्य आपदा प्रतिवादन बल, अग्निशमन, आपातकालीन 108 व सुरंग का निर्माण करा रही संस्था राष्ट्रीय राजमार्ग एवं अवसंरचना विकास निगम लिमिटेड (एनएचआईडीसीएल) के कर्मचारी मलबा हटाने और सुरंग खोलने के काम में जुटे हुए हैं। उन्होंने बताया कि हादसा सिलक्यारा की तरफ सुबह छह-सात बजे के बीच हुआ।
बाद में सीमा सड़क संगठन और भारत तिब्बत सीमा पुलिस की टीमें भी मौके पर पहुंची जिससे बचाव एवं राहत कार्य में और तेजी आई।
उत्तरकाशी के जिलाधिकारी अभिषेक रूहेला, एनएचएआई के मुख्य महाप्रबंधक विशाल गुप्ता तथा एनडीआरएफ के सेकंड इन कमांड रविशंकर बधानी भी बचाव एवं राहत कार्य की निगरानी करने के लिए मौके पर मौजूद हैं।
उत्तरकाशी जिला आपातकालीन परिचालन केंद्र के मुताबिक, 160 बचावकर्मी खुदाई करने वाले उपकरणों तथा जेसीबी मशीनों की मदद से सुरंग में फंसे मजदूरों तक पहुंच बनाने की कोशिश कर रहे हैं।
यदुवंशी ने बताया कि एनएचआईडीसीएल द्वारा उपलब्ध कराए गए रिकॉर्ड के मुताबिक सुरंग के अंदर 36 श्रमिक फंसे हुए हैं। शुरुआती खबरों में कहा गया था कि सुरंग के अंदर 40 श्रमिक फंसे हैं।
उन्होंने बताया कि सुरंग का ढहने वाला हिस्सा सुरंग के मुहाने से करीब 200 मीटर दूर है। उन्होंने कहा कि सुरंग के ढहे हिस्से तक ऑक्सीजन पाइप पहुंचा दी गयी है ताकि वहां फंसे लोगों को सांस लेने में दिक्कत न हो।
उन्होंने बताया कि सुरंग के अंदर खाद्य सामग्री भी पहुंचाई जा रही है और श्रमिकों को जल्द बाहर निकाल लिया जाएगा।
घटना के कारणों के बारे में पूछे जाने पर पुलिस अधिकारी ने कहा कि इसके बारे में बाद में पता लगाया जाएगा और फिलहाल प्राथमिकता सुरंग में फंसे लोगों के जीवन को बचाना है।
नवयुग इंजीनियरिंग के अनुसार सुरंग में फंसे मजदूर बिहार, पश्चिम बंगाल, झारखंड, ओडिशा, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के हैं।
हर मौसम के अनुकूल चार धाम सड़क परियोजना के तहत बन रही इस साढ़े चार किलोमीटर लंबी सुरंग का निर्माण कार्य पूरा होने के बाद उत्तरकाशी से यमुनोत्री धाम तक का सफर 26 किलोमीटर कम हो जाएगा।
उधर, देहरादून में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि घटना की जानकारी मिलने के बाद से वह लगातार अधिकारियों के संपर्क में हैं। उन्होंने कहा कि एजेंसियां मौके पर पहुंचकर बचाव एवं राहत कार्यों में जुट गई हैं। धामी ने कहा कि ईश्वर से कामना है कि जल्द ही सभी लोग सकुशल बाहर आ जाएं।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी मुख्यमंत्री को फोन कर उनसे घटना के संबंध में जानकारी ली है तथा हर संभव मदद का आश्वासन दिया। यह जानकारी सोशल मीडिया पर साझा करते हुए धामी ने कहा कि हिमाचल प्रदेश के लेपचा से लौटते ही प्रधानमंत्री ने उन्हें फोन कर सुरंग में फंसे श्रमिकों की स्थिति तथा राहत एवं बचाव कार्यों के संबंध में विस्तृत जानकारी ली।
उन्होंने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री जी को श्रमिकों को सकुशल बाहर निकालने के लिए संचालित बचाव कार्यों के बारे में विस्तार से जानकारी दी एवं वस्तुस्थिति से अवगत कराया।’’
धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री ने दुर्घटना से निपटने हेतु हर संभव मदद का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि भारत सरकार द्वारा केंद्रीय एजेंसियों को राहत एवं बचाव कार्यों में सहयोग हेतु निर्देशित कर दिया गया है।

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