देश की खबरें | अमरमणि त्रिपाठी के दो दिसंबर को अदालत में पेश नहीं होने पर संपत्ति कुर्क होगी : अदालत

बस्ती(उप्र), 17 नवम्बर बस्ती जिले की एक विशेष अदालत ने 22 वर्ष पुराने अपहरण के एक मामले की सुनवाई करते हुए कहा है कि आरोपी अमरमणि त्रिपाठी के इस मामले में दो दिसंबर को अदालत में पेश नहीं होने पर संपत्ति कुर्क कर ली जाएगी।
अभियोजन पक्ष ने शुक्रवार को बताया कि सांसद-विधायक (एमपी-एमएलए) अदालत ने 2001 में शहर के एक व्यवसायी के पुत्र के अपहरण मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि दो दिसंबर को अदालत में पेश नहीं होने पर त्रिपाठी की संपत्ति कुर्क कर ली जाएगी।
अदालत ने दो दिसंबर को कोतवाल बस्ती को भी न्यायालय में उपस्थित होने का आदेश दिया।
त्रिपाठी के खिलाफ कुर्की का नोटिस जारी होने के बाद मामले की सुनवाई के दौरान अपर जिला एवं सत्र न्यायालय/विशेष न्यायाधीश एमपी एमएलए अदालत प्रमोद कुमार गिरि ने अमरमणि त्रिपाठी की तरफ से दी गई हाजिर होने की मोहलत की अर्जी को खारिज कर दिया।
अदालत ने कहा कि आरोपी यदि दो दिसंबर को न्यायालय में स्वयं उपस्थित नहीं हुआ तो सीआरपीसी की धारा 83 के तहत उसके खिलाफ कुर्की की कार्रवाई की जाए।
छह दिसंबर, 2001 को हुए राहुल अपहरण मामले में पूर्व मंत्री अमरमणि सहित तीन आरोपी अब तक न्यायालय में पेश नहीं हुए हैं, जिस पर अदालत ने सख्त रुख अपनाया है।
विशेष शासकीय अधिवक्ता देवानंद सिंह ने बताया कि अदालत ने गत 16 अक्टूबर को अमरमणि त्रिपाठी के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया था और बस्ती के पुलिस अधीक्षक को निर्देश दिया था कि विशेष पुलिस टीम गठित कर आरोपी अमरमणि त्रिपाठी को गिरफ्तार करके एक नवंबर को न्यायालय में पेश करें।
मगर पेशी वाले दिन अमरमणि की तरफ से अधिवक्ता जंग बहादुर सिंह ने अपने मुवक्किल की बीमारी का हवाला देते हुए गैर जमानती वारंट वापस लेने का प्रार्थना पत्र दिया, जिसे न्यायालय ने यह कहते हुए खारिज कर दिया कि वांछित अदालत में हाजिर नहीं हुआ है।
त्रिपाठी को कवयित्री मधुमिता शुक्ला हत्याकांड मामले में अक्टूबर 2007 में उम्रकैद की सजा सुनायी गयी थी। अच्छे आचरण की वजह से पूर्व मंत्री की बाकी की सजा को माफ कर दिया गया था और करीब 16 साल की सजा काटने के बाद गत अगस्त में जेल से रिहा कर दिया गया था।

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