मुंबई, 22 नवंबर शिवसेना (यूबीटी) के सांसद अनिल देसाई ने बुधवार को दावा किया कि शिवसेना के बागी विधायकों की अयोग्यता से संबंधित कार्यवाही के दौरान दूसरे पक्ष ने उनकी पार्टी के मुख्य सचेतक सुनील प्रभु से बार-बार एक ही तरह के सवाल पूछे।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले शिवसेना के गुट के प्रवक्ता संजय शिरसाट ने पलटवार करते हुए कहा कि प्रभु के जवाब संतोषजनक नहीं थे।
महाराष्ट्र विधानसभा के अध्यक्ष राहुल नार्वेकर के समक्ष सुनवाई के दूसरे दिन वरिष्ठ वकील महेश जेठमलानी समेत बागी विधायकों के वकीलों ने प्रभु से जिरह की। जिरह बृहस्पतिवार को भी जारी रहेगी।
देसाई ने बाद में पत्रकारों से कहा कि उनकी पार्टी इस बात को लेकर बिल्कुल स्पष्ट है कि बागी विधायकों की अयोग्यता पर निर्णय उच्चतम न्यायालय के निर्देशानुसार 31 दिसंबर तक सुनाया जाना है।
उन्होंने कहा, “बार-बार एक तरह के सवाल पूछे गए। (प्रभु से) सटीक सवाल पूछे जाने चाहिए और जवाब भी सटीक होंगे।”
उन्होंने कहा, “हम इस बात को लेकर बिल्कुल स्पष्ट हैं कि 31 दिसंबर तक निर्णय सुनाया जाना है।”
शिरसाट ने पत्रकारों से कहा कि प्रभु के जवाब “संतोषजनक नहीं” थे।
उन्होंने कहा, “वह इस बारे में स्पष्ट जवाब नहीं दे सके कि उन्होंने 20 और 21 जून, 2022 (जब शिवसेना के 40 विधायकों ने उद्धव ठाकरे के खिलाफ विद्रोह कर उनके नेतृत्व वाली राज्य सरकार गिरा दी थी) को कितने लोगों को व्हिप जारी किया था।”