विदेश की खबरें | प्लास्टिक प्रदूषण पर संधि करने के लिए कई देशों के प्रतिनिधि नैरोबी में एकत्रित हुए

अगले साल के अंत तक बातचीत पूरी करने के इरादे से होने वाली पांच बैठकों में से यह तीसरी बैठक है। इससे पहले पेरिस और पुंटा डेल एस्टे (उरुग्वे) में पहले दो दौर की वार्ता में ‘पॉवर डायनेमिक्स’ और अंतरराष्ट्रीय जलवायु को लेकर चर्चा हुई थी।
प्लास्टिक, बड़े पैमाने पर कच्चे तेल और प्राकृतिक गैस से तैयार होता है, इस वजह से तेल उत्पादक देशों और कंपनियों के लिए यह मुद्दा महत्वपूर्ण है।
वैश्विक वार्ताकार आखिरी बार जून में पेरिस में मिले थे और नैरोबी में फिर से बैठक करने से पहले प्रारंभिक संधि तैयार करने पर सहमत हुए थे। यह मसौदा सितंबर की शुरुआत में प्रकाशित हुआ था।
प्लास्टिक प्रदूषण पर संयुक्त राष्ट्र अंतरसरकारी वार्ता समिति पर भूमि और समुद्र में प्लास्टिक प्रदूषण पर पहली अंतरराष्ट्रीय, कानूनी रूप से बाध्यकारी संधि विकसित करने का आरोप है।
इस तीसरे सत्र की मेजबानी के लिए नैरोबी एक महत्वपूर्ण स्थान है, क्योंकि पूर्वी अफ्रीकी देश प्लास्टिक प्रदूषण से लड़ने में सबसे आगे है।
केन्या ने 2017 में एक अभूतपूर्व कदम उठाते हुए, एकल-उपयोग प्लास्टिक बैग के निर्माण, बिक्री और उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया था तथा कानून का उल्लंघन करने वालों को जुर्माना और चार साल तक की जेल की सजा का प्रावधान लागू किया था।
इसके दो वर्ष बाद केन्या ने पार्कों, जंगलों, समुद्र तटों और अन्य संरक्षित क्षेत्रों से कटलरी, स्ट्रॉ और पीईटी बोतलों जैसे एकल-उपयोग प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगा दिया।
केन्या पर्यावरण मामलों में भी एक महत्वपूर्ण देश है, जो अपनी 70 फीसदी से अधिक बिजली नवीकरणीय स्रोतों से उत्पन्न करता है।
नॉर्वे और रवांडा की सरकारें नैरोबी में एक “उच्च महत्वाकांक्षी गठजोड़” का नेतृत्व कर रहे हैं। ये देश उत्पादन में कटौती और प्लास्टिक बनाने में इस्तेमाल होने वाले कुछ रसायनों को सीमित करके 2040 तक प्लास्टिक प्रदूषण को खत्म करना चाहते हैं।
एपी

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