जरुरी जानकारी | दुनिया की अन्य मुद्राओं की तुलना में रुपये में उतार-चढ़ाव कम: आरबीआई गवर्नर

मुंबई, 22 नवंबर भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बुधवार को कहा कि अन्य देशों की मुद्राओं की तुलना में रुपये में उतार-चढ़ाव कम है और यह पूरी तरह से व्यवस्थित रहा है।
आरबीआई गवर्नर ने उद्योग मंडल फिक्की (फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री) और भारतीय बैंक संघ (आईबीए) के संयुक्त रूप से आयोजित सालाना एफआई-बीएसी कार्यक्रम को संबोधित करते हुए यह भी कहा कि मुद्रास्फीति को लेकर प्रत्याशाएं अब नियंत्रण में है। लेकिन मुख्य मुद्रास्फीति (हेडलाइन) की स्थिति नाजुक है और यह खाद्य वस्तुओं के दाम के झटकों से प्रभावित होती रहती है।
उल्लेखनीय है कि रुपया सोमवार को अबतक के निचले स्तर 83.38 प्रति डॉलर पर बंद हुआ। लेकिन मंगलवार के कारोबार में इसमें कुछ सुधार हुआ।
दास ने कहा, ‘‘विनिमय दर के मोर्चे पर, अमेरिकी बॉन्ड प्रतिफल में तेजी और मजबूत अमेरिकी डॉलर के बावजूद भारतीय रुपये में अन्य प्रमुख देशों की मुद्राओं की तुलना में कम उतार-चढ़ाव आया है और और यह व्यवस्थित रहा है।’’
उन्होंने कहा कि इसका श्रेय हमारी मजबूत वृहद आर्थिक बुनियाद और विदेशी मुद्रा भंडार की अच्छी स्थिति को जाता है।
पिछले तीन या चार दिनों में डीएक्सवाई (अमेरिकी डॉलर सूचकांक) थोड़ा नरम हुआ है और अमेरिका में बॉन्ड प्रतिफल में भी कमी आई है।
दास ने कहा कि उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति अक्टूबर में नरम होकर 4.9 प्रतिशत रही। इसका कारण आरबीआई का सोच-विचार कर नीतगत दर में वृद्धि, नकदी की स्थिति को समय के हिसाब से बेहतर बनाने के उपाय हैं।
उन्होंने कहा कि आरबीआई का लक्ष्य खुदरा महंगाई को चार प्रतिशत पर लाना है और हमारी नजर इसपर बनी हुई है।
दास ने निरंतर उच्च वृद्धि, मूल्य को टिकाऊ रूप से स्थिर करने और कीमत वृद्धि के झटके को कम करने के लिये कृषि विपणन तथा संबंधित मूल्य श्रृंखलाओं में सुधारों की भी वकालत की।

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