जरुरी जानकारी | रुपया चार पैसे की बढ़त के साथ 83.34 प्रति डॉलर पर

मुंबई, 21 नवंबर विदेशी बाजारों में अमेरिकी मुद्रा में कमजोरी और घरेलू शेयर बाजारों के सकारात्मक रुख के बीच मंगलवार को रुपया अपने सर्वकालिक निचले स्तर से उबर गया और डॉलर के मुकाबले चार पैसे बढ़कर 83.34 (अस्थायी) पर बंद हुआ।
विदेशी मुद्रा व्यापारियों ने कहा कि पेट्रोलियम कंपनियों की डॉलर मांग और विदेशी कोषों की सतत निकासी से निवेशकों की धारणा प्रभावित हुई जिससे रुपये में एक सीमित दायरे में कारोबार हुआ।
अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया 83.33 पर खुला और अंत में डॉलर के मुकाबले 83.34 (अस्थायी) पर बंद हुआ, जो पिछले बंद से चार पैसे की बढ़त है।
दिन में कारोबार के दौरान रुपया एक सीमित दायरे में कारोबार करते हुए डॉलर के मुकाबले 83.32 के उच्चतम स्तर तक गया और 83.37 के निचले स्तर तक आया।
सोमवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 12 पैसे टूटकर अपने सर्वकालिक निचले स्तर 83.38 पर बंद हुआ था।
शेयरखान बाय बीएनपी परिबा के शोध विश्लेषक अनुज चौधरी के अनुसार, ‘‘कमजोर अमेरिकी डॉलर और सकारात्मक एशियाई बाजारों के कारण रुपये में थोड़ी तेजी आई।’’
हालांकि, विदेशी संस्थागत निवेशकों की निकासी ने तेज बढ़त को सीमित कर दिया। आगामी फेडरल ओपन मार्केट कमेटी (एफओएमसी) की बैठक में अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा दरों में कोई बढ़ोतरी नहीं करने की बढ़ती उम्मीदों के बीच डॉलर में गिरावट आई और यह ढाई महीने के निचले स्तर पर आ गया।
चौधरी ने कहा, “कारोबारी अमेरिका के घर बिक्री के आंकड़ों और एफओएमसी बैठक के ब्योरे से आगे संकेत ले सकते हैं। कच्चे तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव से भी रुपये को दिशा मिलेगी।’’
इस बीच, दुनिया की छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर की स्थिति को दर्शाने वाला डॉलर सूचकांक 0.06 प्रतिशत की गिरावट के साथ 103.37 पर आ गया।
वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड 0.79 प्रतिशत की गिरावट के साथ 81.67 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार कर रहा था।
इस बीच, बीएसई सेंसेक्स 275.62 अंक बढ़कर 65,930.77 अंक पर बंद हुआ।
शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) पूंजी बाजार में शुद्ध बिकवाल रहे। उन्होंने सोमवार को 645.72 करोड़ रुपये के शेयर बेचे।

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