नयी दिल्ली, 21 नवंबर भारत में कोविड -19 के चलते अस्पताल में भर्ती कराए जाने, अचानक मृत्यु होने का पारिवारिक इतिहास और जीवनशैली से संबंधित कुछ व्यवहारों की वजह से युवाओं की अचानक मृत्यु की आशंका बढ़ी है, न कि कोविड टीकाकरण के कारण। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के एक अध्ययन में मंगलवार को यह बात कही गई है।
“भारत में 18-45 वर्ष की आयु के वयस्कों की अचानक मौत से जुड़े कारक – एक बहुकेंद्रित मिलान केस-नियंत्रण अध्ययन” शीर्षक वाला यह अध्ययन ‘इंडियन जर्नल ऑफ मेडिकल रिसर्च’ में प्रकाशित हुआ है।
अध्ययन में कहा गया है, “हमें युवाओं की अचानक मृत्यु होने और कोविड -19 टीकाकरण के बीच संबंध होने का सीधा कोई सबूत नहीं मिला। इसके विपरीत, वर्तमान अध्ययन दस्तावेज बताते हैं कि कोविड-19 टीकाकरण ने वास्तव में इस आयु वर्ग के लोगों की अचानक मृत्यु के जोखिम को कम कर दिया है।”
अध्ययन में इस बात पर प्रकाश डाला गया है कि अचानक मृत्यु का पारिवारिक इतिहास, कोविड -19 के चलते अस्पताल में भर्ती होना और अत्यधिक शराब पीने व अत्यधिक ताकत के इस्तेमाल से संबंधित शारीरिक गतिविधियां अचानक मृत्यु के जोखिम कारक थे।
युवा वयस्कों के बीच इन कारकों को दूर करने से अचानक मृत्यु के जोखिम के कम होने की संभावना है।
पूरे भारत में 47 अस्पतालों की भागीदारी के माध्यम से यह अध्ययन किया गया। इसमें एक अक्टूबर 2021 से 31 मार्च 2023 के बीच 18 से 45 साल के स्वस्थ लोगों की अचानक मौत के मामलों पर गौर किया गया।