देश की खबरें | सीबीआई जांच करने के उत्तराखंड उच्च न्यायालय के आदेश में हस्तक्षेप से उच्चतम न्यायालय का इनकार

नयी दिल्ली, 17 नवंबर उच्चतम न्यायालय ने उत्तराखंड के सिंचाई विभाग द्वारा पार्किंग का एक ठेका दिये जाने की जांच का निर्देश देने संबंधी उच्च न्यायालय के आदेश में हस्तक्षेप करने से इनकार करते हुए हैरानी जताई कि राज्य सरकार सीबीआई जांच को चुनौती दे रही है।
न्यायमूर्ति अभय एस ओका और न्यायमूर्ति पंकज मिथल की पीठ ने उत्तराखंड सरकार की अपील खारिज कर दी।
पीठ ने कहा, ‘‘ठेकेदार का अदालत में आना तो हमें समझ आता है, लेकिन हमें हैरानी है कि राज्य सरकार ने उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ अपील दायर की है।’’
शीर्ष अदालत ने कहा कि यह तय है कि केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) निष्पक्ष तरीके से जांच करेगा और उच्च न्यायालय की टिप्पणियों से प्रभावित नहीं होगा।
पीठ ने कहा, ‘‘सॉलिसिटर जनरल और याचिकाकर्ताओं की ओर से न्यायालय में पेश हुए वरिष्ठ वकील को सुनने के बाद, हमने पाया कि सीबीआई जांच का निर्देश देने वाले उक्त आदेश में हस्तक्षेप करने का कोई कारण नहीं है।’’
विषय में, सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने राज्य सरकार का पक्ष रखा।
शीर्ष अदालत उत्तराखंड सरकार द्वारा दायर एक याचिका की सुनवाई कर रही है, जिसमें उच्च न्यायालय के 20 अक्टूबर 2023 के आदेश को चुनौती दी गई है। उच्च न्यायालय ने सिंचाई विभाग द्वारा दिया गया पार्किंग का ठेका यह कहते हुए निरस्त कर दिया था कि यह अवैध तरीके से दिया गया और प्रक्रिया में निविदा की शर्तों का पालन नहीं किया गया।
उच्च न्यायालय का यह आदेश हरिद्वार में एक सरकारी जमीन पर एक व्यक्ति को पार्किंग का ठेका दिये जाने को चुनौती देने वाली याचिका पर आया था।

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