उत्तरकाशी (उत्तराखंड), 23 नवंबर उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में निर्माणाधीन सिलक्यारा सुरंग में अमेरिकी ‘ऑगर’ मशीन से ड्रिलिंग के दौरान सामने आए लोहे के सरिये को हटा दिया गया है। अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।
बचाव कार्य की निगरानी कर रहे प्रधानमंत्री कार्यालय के पूर्व सलाहकार भास्कर खुल्बे ने कहा, ‘‘लोहे के सरिये के कारण उत्पन्न समस्या को दूर कर लिया गया है। गैस कटर का इस्तेमाल कर सरिये को काट दिया गया है।’’
खुल्बे ने कहा, ‘‘सुरंग में फंसे श्रमिकों को सुरक्षित बाहर निकालने के अभियान में शामिल बचावकर्मियों को ड्रिलिंग पूरी करने और श्रमिकों तक पहुंचने में 12 से 14 घंटे और लगेंगे।’’
बुधवार देर रात बाधा आने के बाद 800 मिलीमीटर व्यास वाले स्टील पाइप की ड्रिलिंग को कुछ घंटों के लिए रोकना पड़ा।
अधिकारियों ने कहा कि बाधा दूर होने के साथ ही पाइप को आगे धकेलने की प्रक्रिया फिर से शुरू हो गई है।
खुल्बे ने यहां संवाददाताओं को बताया कि मंगलवार शाम मलबे के 45 मीटर अंदर तक ड्रिलिंग पूरी कर ली गयी थी लेकिन उसके बाद मलबे में लोहे का सरिया मिलने से पांच-छह घंटे काम रुका रहा।
उन्होंने श्रमिकों के बाहर आने की समयसीमा बताने से इनकार किया लेकिन उम्मीद जताई कि जल्द उन्हें बाहर निकाल लिया जाएगा।
यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर बन रही सुरंग का एक हिस्सा 12 नवंबर को ढह गया था जिससे मलबे के दूसरी ओर 41 श्रमिक फंस गए। इन श्रमिकों को निकालने के लिए युद्धस्तर पर काम जारी है।
श्रमिकों तक पहुंचने के लिए अब मलबे को केवल 12 मीटर भेदा जाना शेष है।
सत्रह नवंबर को भी किसी कठोर सतह से टकराने के कारण जबरदस्त आवाज आने के बाद अमेरिकी ‘ऑगर’ मशीन से ड्रिलिंग रोक दी गयी थी जो मंगलवार मध्यरात्रि के बाद फिर शुरू की गयी।
‘ऑगर’ मशीन से ड्रिलिंग कर उसमें छह-छह मीटर लंबे 800 मिलीमीटर व्यास के पाइपों को जोड़कर श्रमिकों को निकालने का रास्ता बनाया जा रहा है।
इस बीच, श्रमिकों के बाहर आते ही उन्हें चिकित्सकीय सुविधा मुहैया कराने के लिए घटनास्थल से 30 किलोमीटर दूर चिन्यालीसौड़ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में 41 बिस्तरों का अस्पताल तैयार किया गया है।
सुरंग के बाहर भी चिकित्सकों तथा उपकरणों से लैस एंबुलेंस तैयार खड़ी हैं।
केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग राज्य मंत्री वीके सिंह भी बचाव कार्यों का जायजा लेने के लिए मौके पर पहुंच गये हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी घटनास्थल के पास मातली में मौजूद हैं।