देश की खबरें | चंद्रशेखर राव के गढ़ में मल्लन्ना सागर जलाशय परियोजना के विस्थापितों में मुआवजा नहीं मिलने से भारी आक्रोश

गजवेल (तेलंगाना),19 नवंबर भारत का सबसे बड़ा कृत्रिम जलाशय माने जाने वाले मल्लन्ना सागर जलाशय संबंधी परियोजना के कारण बड़ी संख्या में विस्थापित लोग इस पशोपेश में हैं कि वे 30 नवंबर को होने वाले राज्य विधानसभा चुनाव में वोट किसे दें।
विस्थापित लोगों के बड़े समूह में इस बात को लेकर नाराजगी है कि परियोजना के कारण डूबे आठ गांव के लोगों के विस्थापन के करीब तीन वर्ष बाद भी सरकार इन्हें मुआवजा देने में देरी कर रही है।
परियोजना से प्रभावित 6,800 परिवारों को गजवेल के पास मुटराज पल्ली में ‘रीसेटिलमेंट एंड रीहैबिलिएशन’ (आर एंड आर) कॉलोनी में बसाया गया था।
कॉलोनी 2021 में स्थापित की गई थी और अब वहां 11,000 से अधिक पात्र मतदाता हैं जिन्हें राजनीतिक दल लंबित मुआवजे और पुनर्वास पैकेज का भुगतान करने के वादे के साथ लुभाने की कोशिश कर रहे हैं।
‘आर एंड आर’ कॉलोनी के लोगों में भारत राष्ट्र समित (बीआरएस) प्रमुख एवं मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव (केसीआर) के खिलाफ भारी असंतोष है। राव गजवेल विधानसभा क्षेत्र में लगातार तीसरी बार जीत हासिल करने की कोशिश कर रहे हैं। केसीआर का मुकाबला पूर्व सहयोगी एवं भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक ई राजेंद्र और कांग्रेस के तुमकुंटा नरसा रेड्डी से है।
मल्लन्ना सागर परियोजना के विस्थापितों में से एक पामुलपर्थी गांव के इंद्र रेड्डी भी राव के खिलाफ गजवेल में चुनावी मैदान में हैं।
इस सीट से कुल 44 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं।
आठ गांव मल्लन्ना सागर परियोजना की भेंट चढ़े थे: कोंडापक मंडल में एर्रावल्ली और सिंगराराम, थोगुटा मंडल में एटिगाड्डाकिष्टपुर, वेमुलाघाट, पल्लेपहाड़, रामपुर और लक्ष्मापुर।
‘कालेश्वरम लिफ्ट सिंचाई परियोजना’ के तहत मल्लन्ना सागर जलाशय का निर्माण सिंचाई, पेयजल और उद्योगों को पानी उपलब्ध कराने के उद्देश्य से 7,400 करोड़ रुपये की लागत से किया गया था।
‘आर एंड आर’ कॉलोनी के लोगों के रुख के बारे में पूछे जाने पर एतिगड्डाकिस्तापुर गांव के सरपंच प्रताप रेड्डी ने कहा, ‘‘चुनाव अभियान में सभी राजनीतिक दल हमारी शिकायतों को दूर करने का वादा कर रहे हैं, लेकिन लोगों को विश्वास नहीं है। तीन साल हो गए हैं, जब से हम ‘आर एंड आर’ कॉलोनी में आए हैं तब से न तो मुख्यमंत्री हमसे मिलने आए हैं और न ही हम अपनी समस्याओं पर बातचीत करने के लिए उन तक पहुंच पाए हैं। लोग असमंजस में हैं कि किसे वोट दें।’’
उन्होंने ‘पीटीआई-’ से कहा, ‘‘त्रिकोणीय मुकाबला है ऐसे में लोग भ्रमित हैं और यह तय नहीं कर पा रहे हैं कि कौन सी पार्टी उनकी शिकायतों का समाधान करेगी।’’

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