देश की खबरें | टीएमसी नेता कुणाल घोष ने रैली पर पाबंदी को लेकर पश्चिम बंगाल सरकार की आलोचना की

कोलकाता, 24 नवंबर पश्चिम बंगाल सरकार की आलोचना करते हुए तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के वरिष्ठ नेता कुणाल घोष ने शुक्रवार को कहा कि भाजपा को रैलियां आयोजित करने से रोकने की ‘‘गलतियों’’ के कारण अनजाने में भाजपा का प्रचार हो रहा है।
घोष ने यह भी कहा कि टीएमसी के भीतर कुछ नेताओं का ‘‘अति आत्मविश्वास’’ पार्टी की सार्वजनिक छवि पर प्रतिकूल प्रभाव डाल रहा है।
कलकत्ता उच्च न्यायालय की एक खंडपीठ ने 29 नवंबर को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की एक जनसभा के आयोजन की अनुमति देते हुए कहा कि पश्चिम बंगाल में जुलूस, रैलियों और सभाओं का आयोजन ‘नियमित बात’ है। इस जनसभा को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह संबोधित करने वाले हैं।
मुख्य न्यायाधीश टीएस शिवज्ञानम की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने एकल पीठ के 20 नवंबर के आदेश को चुनौती देने वाली पश्चिम बंगाल सरकार की अपील खारिज कर दी।
टीएमसी के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी के करीबी सहयोगी माने जाने वाले घोष ने कहा कि भाजपा को बंगाल की राजनीति में एक खत्म हो चुकी ताकत माना जाता है। उन्होंने कहा कि पार्टी कोलकाता में रैली करके राज्य के राजनीतिक परिदृश्य पर महत्वपूर्ण प्रभाव नहीं डाल पाएगी।
उन्होंने कहा, ‘‘भले ही वे कोलकाता में रैली कर लें, वे शायद ही कोई फर्क डाल पाएंगे। इसलिए, उन्हें अनुमति देने से इनकार करने की कोई आवश्यकता नहीं है। उन्हें अनुमति देने से इनकार करके, आपने उन्हें प्रचार का मौका दे दिया।’’
घोष ने टीएमसी के नेतृत्व वाली राज्य सरकार से कुछ नेताओं के अति आत्मविश्वास के कारण इसी तरह की गलतियों को दोहराने से बचने का आग्रह किया और इस बात पर जोर दिया कि ऐसी त्रुटियां पार्टी की सार्वजनिक छवि के लिए हानिकारक हैं।
अदालत के फैसले की सराहना करते हुए भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने कहा, ‘‘बंगाल में लोकतंत्र मर रहा है और मृत्यु शय्या पर है। हम कानून के शासन को कायम रखने के लिए उच्च न्यायालय को धन्यवाद देते हैं। यह शर्म की बात है कि एक रैली के लिए हमें अदालत का रुख करना पड़ा।’’

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