नयी दिल्ली, 22 नवंबर विदेश व्यापार महानिदेशक (डीजीएफटी) संतोष कुमार सारंगी ने कहा है कि सैमसंग और एप्पल जैसी कंपनियों के मोबाइल फोन के बढ़ते निर्यात से इलेक्ट्रॉनिक उत्पाद क्षेत्र को बढ़ावा देने में मदद मिल रही है।
सारंगी ने कहा कि भारत से इलेक्ट्रॉनिक्स सामान के निर्यात में उछाल आया है।
उन्होंने कहा कि भारत से निर्यात के मामले में कुछ साल पहले यह क्षेत्र 11वें या 12वें स्थान पर था। यह क्षेत्र अब वस्तु निर्यात में पांचवें स्थान पर आ गया है।
सारंगी ने यहां एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यम) निर्यात पर एक कार्यक्रम में कहा, ‘‘क्षेत्र से निर्यात में उछाल आया है और यह मुख्य रूप से हमारे देश से निर्यात किये जा रहे सैमसंग और एप्पल फोन के कारण है। इसीलिए, कुछ ऐसे क्षेत्र हैं जिनमें निर्यात में तेज वृद्धि होने जा रही है। इलेक्ट्रॉनिक्स, विशेष रूप से मोबाइल फोन और बहुत सारे आईटी हार्डवेयर अधिक निर्यात वाले उत्पाद होंगे।’’
देश से इलेक्ट्रॉनिक वस्तुओं का निर्यात चालू वित्त वर्ष में अप्रैल-अक्टूबर के दौरान 27.7 प्रतिशत बढ़कर 15.5 अरब डॉलर रहा।
उन्होंने कहा कि इलेक्ट्रॉनिक्स, मूल्य वर्धित कृषि उत्पाद , सौर पैनल और मॉड्यूल जैसे नवीकरणीय ऊर्जा उत्पाद तथा इलेक्ट्रिक वाहन जैसे क्षेत्र देश के वस्तु और सेवा निर्यात को 2030 तक 2,000 अरब डॉलर तक पहुंचाने में मदद करेंगे।
सारंगी ने कहा, ‘‘निर्यातकों के बीच अधिक से अधिक मूल्यवर्धित उत्पाद भेजने को लेकर उत्साह है। इसलिए आने वाले वर्षों में यह निर्यात का एक प्रमुख क्षेत्र होगा।’’
उन्होंने कहा कि इलेक्ट्रिक वाहन उद्योग भी आगे बढ़ रहा है। टाटा और महिंद्रा जैसी बड़ी कंपनियां इन वाहनों पर बड़े प्रयोग कर रही हैं और आने वाले वर्षों में इस क्षेत्र से भी निर्यात बढ़ेगा।
सारंगी ने कहा कि विक्रेता विकास कार्यक्रमों पर एमएसएमई क्षेत्र को मदद मिलेगी। ये निर्यात को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने कहा, ‘‘हमें इस (विक्रेता विकास कार्यक्रम) पर काम करने की जरूरत है।’’
उन्होंने कहा कि सरकार विभिन्न योजनाओं, कारोबार सुगमता, स्वचालन को बढ़ावा देने और घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने के कदमों के माध्यम से निर्यात लक्ष्य हासिल करने के लिये काम कर रही है।
वित्त वर्ष 2022-23 में देश का वस्तु एवं सेवा निर्यात 776 अरब डॉलर था।