देश की खबरें | त्रिपुरा विधानसभा पुराने विषयों पर प्रश्न पूछने की अनुमति नहीं देने का कर रही विचार

अगरतला, 19 नवंबर त्रिपुरा विधानसभा सदन के किसी भी सदस्य द्वारा तीन साल या इससे अधिक पुराने किसी विशेष विषय पर कोई भी प्रश्न पूछने की अनुमति नहीं देने के लिए एक नियम बनाने पर विचार कर रही है। विधानसभा अध्यक्ष विश्व बंधु सेन ने यह जानकारी दी।
सेन ने कहा, संसद में भी ऐसी व्यवस्था है और राज्य विधानसभा उसका अनुसरण करना चाहती है।
उन्होंने कहा, ‘‘(विधानसभा के) एक नियम के तहत, कोई भी सदस्य किसी विशेष मुद्दे पर तीन, चार या पांच साल पुराने विषय पर भी प्रश्न पूछ सकता है। वाम मोर्चा शासन के दौरान यह परंपरा थी कि तीन साल या इससे अधिक पुराने किसी भी विषय पर प्रश्न पूछने की अनुमति नहीं दी जाती थी, लेकिन तब यह नियम नहीं बनाया गया था।’’
सेन ने कहा, ‘‘अब, हम विधानसभा में तीन साल या उससे अधिक पुराने विषय पर कोई प्रश्न पूछने की अनुमति नहीं देने के लिए एक विधेयक लाना चाहते हैं।”
उन्होंने कहा, विधानसभा अध्यक्ष के नेतृत्व वाली विधानसभा की नियम समिति ने शुक्रवार को राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ इस संबंध में एक बैठक की और वे चाहते हैं कि संसद में जारी व्यवस्था यहां भी लागू हो।
सेन ने कहा, “हम जानते हैं कि संसद तीन साल या उससे अधिक पुराने किसी विशेष विषय पर प्रश्न पूछने की अनुमति नहीं देती है। हम लोकसभा सचिवालय से इस मुद्दे पर विवरण प्राप्त करेंगे। यदि हमारी योजना संसद से मेल खाती है, तो सरकार एक विधेयक पेश करेगी जिसमें तीन साल या उससे अधिक पुराने मुद्दों पर प्रश्न पूछने की अनुमति न देने की मांग की जाएगी।”
विधानसभा में नेता विपक्ष तिपरा मोथा के अनिमेश देववर्मा ने कहा, “बैठक में हमारे दो विधायक शामिल हुए। उन्होंने हमें बैठक के बारे में जानकारी दी। हम विधानसभा अध्यक्ष की पहल का कड़ा विरोध करते हैं क्योंकि इससे तीन साल या उससे अधिक पुराने होने के आधार पर महत्वपूर्ण मुद्दों पर सवाल पूछने का अधिकार छिन जाएगा।”
माकपा के राज्य सचिव जितेंद्र चौधरी ने दावा किया कि नियम समिति की राय इस मुद्दे पर विभाजित थी।
माकवा विधायक दल के नेता चौधरी ने कहा, “यदि यह कदम एक नियम या कानून का रूप ले लेता है, तो विधायकों को तीन साल या चार साल या उससे अधिक समय के बाद भ्रष्टाचार के किसी भी मुद्दे को उठाने की अनुमति नहीं दी जाएगी। अध्यक्ष ने हमें संसद सचिवालय से विवरण प्राप्त करने का आश्वासन दिया। इसे नियम समिति की अगली बैठक में पेश किया जाएगा। देखते हैं क्या होता है।”

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