केंद्रीय मंत्री रीजीजू ने श्रीलंका के राष्ट्रपति विक्रमसिंघे से मुलाकात की

माले, 17 नवंबर: पृथ्वी विज्ञान मंत्री किरेन रीजीजू ने शुक्रवार को मालदीव में श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे से मुलाकात की और दोनों देशों के बीच बहुआयामी द्विपक्षीय संबंधों पर चर्चा की. रीजीजू मालदीव के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू के निमंत्रण पर शपथ ग्रहण समारोह में शिरकत करने के लिए भारत के प्रतिनिधि के तौर पर यहां पहुंचे हैं.

उन्होंने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट कर कहा, ‘‘डेमोक्रेटिक सोशलिस्ट रिपब्लिक ऑफ श्रीलंका के राष्ट्रपति महामहिम रानिल विक्रमसिंघे से मुलाकात करके सम्मानित महसूस कर रहा हूं। भारत-श्रीलंका के बीच द्विपक्षीय संबंधों पर चर्चा की, जो बहुआयामी है और माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ‘पड़ोस प्रथम’ और ‘सागर’ नीति के तहत एक प्राथमिकता है.’’ भारत की पड़ोस प्रथम नीति का उद्देश्य संपर्क को बढ़ाना, व्यापार और निवेश को बढ़ाना और एक सुरक्षित और स्थिर पड़ोस का निर्माण करना है.

क्षेत्र में सभी के लिए सुरक्षा और विकास (सागर), हिंद महासागर क्षेत्र में समुद्री सहयोग की भारत की नीति या सिद्धांत है. विदेशी मुद्रा भंडार की भारी कमी के कारण श्रीलंका 2022 में जबर्दस्त वित्तीय संकट में घिर गया था. भारत की ‘पड़ोस प्रथम’ नीति के अनुरूप, ऋण सुविधा और मुद्रा समर्थन के माध्यम से लगभग चार अरब अमेरिकी डॉलर की सहायता प्रदान की थी.

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