उत्तरकाशी, 22 नवंबर सिलक्यारा सुरंग में पिछले 10 दिन से फंसे 41 श्रमिकों को एक-एक कर बाहर लाने के लिए राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की 15 सदस्यीय टीम को जिम्मेदारी सौंपी गयी है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
श्रमिकों को बाहर निकालने के लिए मलबे को भेदकर 800 मिमी व्यास का स्टील पाइप डालकर रास्ता तैयार किया जा रहा है, जिसका निर्माण अंतिम चरण में पहुंच गया है।
एनडीआरएफ के ‘सेकंड इन कमांड’ रवि शंकर बधानी ने बताया कि एनडीआरएफ के जवानों ने इसका अभ्यास कर लिया है कि कैसे पाइप के जरिए मलबे के दूसरी ओर जाना है जहां श्रमिक फंसे हुए हैं।
फंसे हुए लोगों को सुरक्षित रूप से बाहर निकालने के लिए चिकित्सकों की एक टीम को सुरंग के अंदर तैनात किया गया है जबकि एंबुलेंस बाहर तैयार खड़ी हैं।
एक सरकारी सूत्र ने बताया कि योजना के अनुसार, पहिए लगे कम उंचाई के स्ट्रेचर को मलबे के दूसरी ओर ले जाया जाएगा जहां श्रमिक फंसे हुए हैं। ऑक्सीजन किट पहनकर एनडीआरएफ के जवान एक स्ट्रेचर, एक रस्सी और श्रमिकों के लिए ऑक्सीजन किट लेकर पाइप में रेंगते हुए उन तक पहुंचेंगे।
अधिकारी ने बताया कि स्ट्रेचर को रस्सियों से दोनों तरफ से बांधा जाएगा और एक-एक कर इन श्रमिकों को बाहर निकाला जाएगा। उन्होंने बताया कि एनडीआरएफ की एक टीम दूसरी तरफ तब तक रहेगी जब तक कि प्रत्येक श्रमिक बाहर नहीं आ जायेगा।
सुरंग के बाहर खड़ी 41 एंबुलेंस श्रमिकों को घटनास्थल से 30 किलोमीटर दूर स्थित चिन्यालीसौड़ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाएंगी जहां उनके लिए 41 बिस्तरों के साथ एक अलग वार्ड बनाया गया है।