Uttarkashi Tunnel Accident: बचाव अभियान में आ रही रुकावटों को लेकर पीएम मोदी ने की धामी से बातचीत

नई दिल्ली, 24 नवंबर : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से बातचीत कर टनल में फंसे मजदूरों को बचाने के लिए चलाए जा रहे बचाव अभियान में आ रही बाधाओं और रुकावटों के बारे में विस्तार से जानकारी ली. इसके साथ ही प्रधानमंत्री ने टनल से बाहर आने पर श्रमिकों के स्वास्थ्य और जरूरत पड़ने पर हॉस्पिटल या घर भेजने समेत तमाम व्यवस्था करने के निर्देश भी सीएम धामी को दिए.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रोजाना सिलक्यारा टनल में फंसे 41 श्रमिकों एवं उनके परिजनों के बारे में मुख्यमंत्री पुष्कर धामी को फोन कर अपडेट ले रहे हैं. शुक्रवार की बातचीत के दौरान मुख्यमंत्री धामी ने प्रधानमंत्री मोदी को बताया कि न्यू ऑस्ट्रियन टनल मेथड से इस सुरंग का निर्माण किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि इस्पात से बनी वस्तुओं के ऑगर मशीन के सामने आने पर कार्य में बाधा उत्पन्न हो रही है. ऐसे में ऑगर मशीन को रोककर और फिर उसे बाहर निकालकर सभी अवरोधों को श्रमिकों द्वारा दूर किया जा रहा है, जिसके कारण इस प्रक्रिया में समय लग रहा है.

मुख्यमंत्री को इस दौरान प्रधानमंत्री ने विशेष निर्देश दिए कि जब श्रमिक टनल से बाहर निकलेंगे तो उनके स्वास्थ्य परीक्षण और चिकित्सकीय देखभाल पर भी विशेष ध्यान दिया जाए. प्रधानमंत्री ने इस दौरान सुरंग के अंदर फंसे श्रमिकों की स्थिति और उनको दी जाने वाली खाद्य और दैनिक दिनचर्या की वस्तुओं के बारे में जानकारी लेने के साथ ही राहत और बचाव कार्य में लगे श्रमिकों की स्थिति और उनके लिए किए जा रहे सुरक्षा के उपाय के बारे में पूछा और निर्देश दिए कि इसमें किसी तरह की कोई कमी न रहे.

उन्होंने बचाव कार्य की प्रगति और किए जा रहे कार्यों के साथ ही विभिन्न एजेंसियों के बीच समन्वय और यदि किसी अन्य सहयोग की ज़रूरत है तो उस पर जानकारी ली. साथ ही श्रमिकों के परिजनो के बारे में जानकारी भी ली. मुख्यमंत्री धामी ने प्रधानमंत्री को जानकारी दी कि सिलक्यारा सुरंग में चल रहे राहत एवं बचाव कार्यों की जमीनी स्तर पर मॉनिटरिंग करने के साथ ही उनके द्वारा मातली उत्तरकाशी में ही अस्थायी मुख्यमंत्री कैंप कार्यालय स्थापित किया है ताकि बेहतर ढंग से पूरे ऑपेरशन की मॉनिटरिंग हो सके.

मुख्यमंत्री ने जानकारी दी कि 6 इंच व्यास के पाइप लाइन मलबे के सफलतापूर्वक बिछाए जाने के बाद वैकल्पिक लाइफ लाइन बनाई गई है. जिसके माध्यम से टनल में फंसे श्रमिकों तक ताजा पका भोजन, फल, ड्राई फ्रूट्स, दूध, जूस के साथ ही डिसपोजेबल प्लेट्स, ब्रश, तौलिया, छोटे कपड़े, टूथ पेस्ट, साबुन, आदि दैनिक आवश्कता की सामग्री बोतलों में पैक कर भेजी जा रही है. जिससे श्रमिकों के भोजन एवं पोषण की समस्या को लेकर अब कोई चिंता नहीं है.

इसी पाइप लाइन के जरिए एसडीआरएफ द्वारा स्थापित कम्युनिकेशन सेटअप के माध्यम से श्रमिकों से नियमित संवाद किया जा रहा है. इसी माध्यम से श्रमिकों और उनके परिवार जनों को भी बातचीत कराई जा रही है. मुख्यमंत्री ने बताया कि उन्होंने स्वयं भी इसी माध्यम से श्रमिकों का हाल-चाल जाना है. श्रमिको एवं उनके परिजनों का मनोबल बनाए रखने पर भी ध्यान दिया जा रहा है. सिलक्यारा में स्थापित अस्थाई अस्पताल में तैनात डॉक्टर्स के द्वारा श्रमिकों के स्वास्थ्य की निरंतर निगरानी की जा रही है. एम्बुलेंस से लेकर नजदीकी अस्पताल में 41 विशेष बेड श्रमिकों हेतु तैयार किये गए हैं. मनोचिकित्सकों द्वारा भी नियमित रूप से टनल में फंसे श्रमिकों की काउंसलिंग की जा रही है.

मुख्यमंत्री ने बताया कि राहत और बचाव कार्यों में लगी टीम पूरे मनोयोग एवं अथक परिश्रम से जुटी हुई है. इन श्रमिकों की सुरक्षा पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है. रेस्क्यू स्थल पर प्री कॉस्ट आरसीसी बॉक्स कल्वर्ट और ह्यूम पाइप के जरिए सुरक्षा कैनोपी और एस्केप टनल बनाई गई है. इससे किसी भी आपात स्थिति में सुरंग के भीतर रेस्क्यू में जुटे लोगों को सुरक्षित निकासी सुनिश्चित हो सकेगी. सुरक्षा से जुड़ी अन्य विशेष हिदयतों पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है.

मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा रेस्क्यू ऑपरेशन में केंद्रीय एजेंसियों के साथ बेहतर समन्वय बनाने हेतु राज्य सरकार की ओर से एक सचिव स्तर के अधिकारी को सिलक्यारा में ही तैनात किया गया है. उत्तरकाशी जिला प्रशासन और राज्य का आपदा प्रबंधन तंत्र प्रतिबद्धता के साथ जुड़ा हुआ है. सरकार श्रमिकों के परिजनों का भी ध्यान रख रही है. परिजनों के आवास, भोजन, कपड़े एवं परिवहन की व्यवस्था की गई है. परिजनों के समन्वय और उनकी सुविधाओं के जिला एवं राज्य स्तर पर अलग से अधिकारियों की तैनाती की गई है.

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